Edited By Anu Malhotra,Updated: 29 Aug, 2025 01:23 PM

बिहार सरकार ने महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने “मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना” की शुरुआत की है, जिसके तहत राज्य के हर परिवार की एक महिला को अपनी पसंद का व्यवसाय शुरू करने के लिए...
नेशनल डेस्क: बिहार सरकार ने महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने “मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना” की शुरुआत की है, जिसके तहत राज्य के हर परिवार की एक महिला को अपनी पसंद का व्यवसाय शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी। इस योजना को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद खुद मुख्यमंत्री ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X के ज़रिए साझा की।
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2005 से ही उनकी सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है और अब यह योजना उस कड़ी में एक और बड़ा कदम है। इस योजना से न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि पूरे परिवार की आमदनी और राज्य की अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी।
योजना की मुख्य बातें:
-हर परिवार से एक महिला को 10,000 रुपये की प्रारंभिक आर्थिक मदद दी जाएगी ताकि वह कोई छोटा व्यवसाय या स्वरोजगार शुरू कर सके।
-यह राशि सीधे लाभार्थी महिलाओं के बैंक खातों में सितंबर 2025 से ट्रांसफर की जाएगी।
-छह महीने बाद उनके कार्य का मूल्यांकन किया जाएगा। यदि जरूरत पड़ी तो उन्हें 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त मदद भी मिल सकती है।
-ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में महिलाओं के उत्पादों की बिक्री के लिए हाट और बाज़ारों का विकास किया जाएगा।
-योजना की जिम्मेदारी ग्रामीण विकास विभाग निभाएगा, जबकि नगर विकास विभाग इसका सहयोग करेगा।
-आवेदन प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री ने भरोसा जताया कि यह योजना राज्य की महिलाओं को अपने गांव और शहर में ही रोजगार का साधन देगी। उन्होंने कहा कि इससे महिलाओं को पलायन नहीं करना पड़ेगा और वे घर के पास ही आत्मनिर्भर बन सकेंगी।
क्यों है यह योजना अहम?
बिहार में महिलाओं की भूमिका लंबे समय से सामाजिक बदलावों का अहम हिस्सा रही है- चाहे शराबबंदी की बात हो या पंचायतों में आरक्षण की। अब यह नई योजना महिलाओं को स्वरोजगार का अवसर देकर उन्हें और सशक्त करेगी। सरकार को उम्मीद है कि लाखों महिलाएं इस पहल का लाभ उठाकर अपने छोटे या मध्यम व्यवसाय की शुरुआत करेंगी और आर्थिक रूप से परिवार को संबल देंगी।