Edited By Seema Sharma,Updated: 22 Jan, 2021 05:58 PM
सरकार और आंदोलनकारी किसानों के बीच शुक्रवार को हुई 11वें दौर की वार्ता समाप्त हो गई है, लेकिन इसमें भी मुद्दे का कोई समाधान नहीं निकल पाया। अगली बैठक के लिए कोई तारीख तय नहीं हुई है। सूत्रों ने बताया कि बैठक में सरकार ने यूनियनों को दिए गए सभी...
नेशनल डेस्क: सरकार और आंदोलनकारी किसानों के बीच शुक्रवार को हुई 11वें दौर की वार्ता समाप्त हो गई है, लेकिन इसमें भी मुद्दे का कोई समाधान नहीं निकल पाया। अगली बैठक के लिए कोई तारीख तय नहीं हुई है। सूत्रों ने बताया कि बैठक में सरकार ने यूनियनों को दिए गए सभी संभावित विकल्पों के बारे में बताया और उनसे कहा कि उन्हें कानूनों को स्थगित करने के प्रस्ताव पर अंदरूनी चर्चा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बैठक में किसान नेता तीनों नए कृषि कानूनों को पूरी तरह वापस लिए जाने की अपनी मांग पर अड़े रहे।
किसान नेताओं ने कहा कि बैठक बेशक लगभग पांच घंटे तक चली, लेकिन दोनों पक्ष 30 मिनट से कम समय तक आमने-सामने बैठे। कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने यूनियनों से कहा कि यदि किसान तीनों कृषि कानूनों को स्थगित करने के प्रस्ताव पर चर्चा करना चाहते हैं तो सरकार एक और बैठक के लिए तैयार है। तोमर ने सहयोग के लिए यूनियनों को धन्यवाद दिया और कहा कि कानूनों में कोई समस्या नहीं है लेकिन सरकार ने किसानों के सम्मान के लिए इन कानूनों को स्थगित रखे जाने की पेशकश की।
शाह से मिले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर
शुक्रवार को किसानों और सरकार के बीच होने वाली बैठक से पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। तोमर की शाह के साथ किस मुद्दे पर और क्या चर्चा हुई इसकी जानकारी तो नहीं मिल पाई लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि किसानों के साथ बातचीत पर ही दोनों के बीच चर्चा हुई हैं।
सरकार झुकी क्या किसान होंगे नरम
कृषि सुधार कानूनों को डेढ़ साल के लिए टालने के प्रस्ताव से सरकार का रुख नरम नजर आ रहा है। लोगों का कहना है कि सरकार ने अपना बड़प्पन दिखाया है। वहीं अब सबकी नजरें किसानों पर हैं कि क्या वो नरम रुख अपनाएंगे। सरकार का कहना है कि डेढ़ साल के लिए यह कानून निलंबित रहेगा और इस दौरान सरकार किसानों के साथ इस कानून पर बीच का रास्ता निकालने पर चर्चा करती रहेगी। सरकार का कहना है कि बढ़ती ठंड को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिा ताकि किसान अपने घरों को वापिस लौट सकें।
ट्रैक्टर मार्च निकालने पर अड़े किसान
किसान संगठनों ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के दिन राजधानी के आउटर रिंग रोड पर ट्रेक्टर परेड निकालने की घोषणा की है। इस संबंध में किसान संगठनों और पुलिस अधिकारियों के बीच बैठक भी हुई जिसमें कोई निर्णय नहीं हो सका। पुलिस गणतंत्र दिवस के कारण किसानों को आउटर रिंग रोड पर ट्रैक्टर परेड नहीं निकालने देना चाहती है। ट्रैक्टर मार्च को लेकर किसानों के साथ पुलिस अधिकारी आज भी बैठक करेंगे।