Gold Price: जापान का एक फैसला और भारत में टूट गए सोने के दाम, जानें कीमतों में गिरावट की असली वजह

Edited By Updated: 19 Dec, 2025 03:00 PM

a decision by japan and gold prices plummeted in india

जापान की अर्थव्यवस्था से जुड़े एक अहम फैसले ने वैश्विक सर्राफा बाजार में हलचल मचा दी है। दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जापान में ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बाद न्यूयॉर्क से लेकर नई दिल्ली तक सोने और चांदी की कीमतों पर दबाव देखने को मिला है।

नेशनल डेस्क: जापान की अर्थव्यवस्था से जुड़े एक अहम फैसले ने वैश्विक सर्राफा बाजार में हलचल मचा दी है। दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जापान में ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बाद न्यूयॉर्क से लेकर नई दिल्ली तक सोने और चांदी की कीमतों पर दबाव देखने को मिला है। बैंक ऑफ जापान द्वारा पॉलिसी रेट में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी किए जाने के बाद दरें करीब तीन दशकों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। इस फैसले के साथ ही अमेरिकी महंगाई दर में नरमी और डॉलर की मजबूती ने भी कीमती धातुओं पर दबाव बढ़ा दिया है। इसी वजह से भारतीय वायदा बाजार में सोना और चांदी दोनों कमजोरी के साथ कारोबार करते नजर आए। जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में दोनों धातुओं की कीमतों में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है।

वायदा बाजार में सोने और चांदी की कीमत
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर कारोबार के दौरान सोने की कीमतों में तेज गिरावट दर्ज की गई। सुबह करीब 9 बजकर 45 मिनट पर सोना लगभग 747 रुपये की गिरावट के साथ 1,33,774 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार करता दिखा। कारोबारी सत्र के दौरान यह और फिसलकर करीब 846 रुपये टूटते हुए 1,33,675 रुपये के निचले स्तर तक पहुंच गया। इससे पहले सोना 1,34,021 रुपये पर खुला था, जबकि गुरुवार को इसका बंद भाव 1,34,082 रुपये रहा था। चांदी की कीमतों में भी इसी तरह दबाव देखने को मिला। एमसीएक्स पर सुबह करीब 9 बजकर 50 मिनट पर चांदी करीब 420 रुपये की गिरावट के साथ 2,03,145 रुपये प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रही थी। दिन के दौरान इसमें और गिरावट आई और भाव 909 रुपये टूटकर 2,02,656 रुपये के स्तर तक पहुंच गया।

क्यों आई सोने और चांदी में गिरावट?
सोने और चांदी में आई इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह बैंक ऑफ जापान का नीतिगत फैसला माना जा रहा है। बीओजे ने पॉलिसी रेट बढ़ाकर 0.75 प्रतिशत कर दिया है, जो सितंबर 1995 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है। यह फैसला भले ही पहले से अनुमानित था, लेकिन इससे वैश्विक बाजारों में जोखिम भावना पर असर पड़ा है। इसके अलावा अमेरिका में उम्मीद से कम महंगाई दर आने से भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में कमजोरी देखी गई। डॉलर इंडेक्स में तेजी आने से भी गोल्ड और सिल्वर पर दबाव बना रहा।

डॉलर इंडेक्स में करीब 0.10 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई, जिससे यह एक हफ्ते के उच्चतम स्तर के करीब पहुंच गया। इसका सीधा असर सोने की मांग पर पड़ा। वहीं रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर तक के एक साल में अमेरिकी उपभोक्ता महंगाई दर 2.7 प्रतिशत रही, जो अर्थशास्त्रियों के अनुमान 3.1 प्रतिशत से कम है।

रिलायंस सिक्योरिटीज के रिसर्च एनालिस्ट जिगर त्रिवेदी के मुताबिक, सोना हाल ही में अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर के करीब कारोबार कर रहा था और लगातार दूसरे सप्ताह बढ़त की ओर बढ़ रहा था। हालांकि, मौजूदा हालात में ब्याज दरों और डॉलर से जुड़े संकेतों ने बाजार की दिशा बदल दी है। उनका कहना है कि भू-राजनीतिक तनावों ने सोने को कुछ हद तक सहारा जरूर दिया है, लेकिन फिलहाल कीमतों पर दबाव बना हुआ है।

जानकारों का अनुमान
विशेषज्ञों का मानना है कि एमसीएक्स पर गोल्ड फरवरी वायदा आने वाले सत्रों में 1,34,000 रुपये से 1,35,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के दायरे में रह सकता है। वहीं चांदी की कीमतों में भी सीमित दायरे में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। कुल मिलाकर, वैश्विक संकेतों और केंद्रीय बैंकों के फैसलों के चलते सोने-चांदी के बाजार में फिलहाल अनिश्चितता बनी हुई है।

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