Delhi Bad Air Pollution: दिल्ली की हवा घुटन भरी, सांस लेना भी मुश्किल, एम्स के डॉक्टर बोले- मास्क पहनना बेअसर!

Edited By Updated: 21 Nov, 2025 11:39 AM

aiims warns amid aqi masks won t help

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर एक बार फिर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है जिसने चिकित्सा जगत में गहरी चिंता पैदा कर दी है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के एक प्रमुख डॉक्टर ने इस भयावह स्थिति को सार्वजनिक स्वास्थ्य...

नेशनल डेस्क। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर एक बार फिर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है जिसने चिकित्सा जगत में गहरी चिंता पैदा कर दी है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के एक प्रमुख डॉक्टर ने इस भयावह स्थिति को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (Public Health Emergency) बताया है जहां लोग लगातार साफ हवा के लिए तरस रहे हैं। डॉ. मोहन ने कहा, कि मास्क पहनना भी बेअसर हो गया है। 

प्रदूषण का स्तर गंभीर

बुधवार की सुबह पूरी दिल्ली-NCR क्षेत्र धुंध (Smog) की घनी चादर में लिपटा रहा जो राजधानी के पुराने वायु प्रदूषण संकट के बढ़ने का स्पष्ट संकेत है। कई निगरानी केंद्रों ने वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) को 'गंभीर' (Severe) श्रेणी में दर्ज किया है।

वज़ीरपुर: 578

ग्रेटर नोएडा (नॉलेज पार्क-5): 553

जहांगीरपुरी: 442

अन्य गंभीर क्षेत्र: चांदनी चौक, अशोक विहार, डीटीयू, विवेक विहार, सोनिया विहार, रोहिणी, आरके पुरम, पंजाबी बाग, नॉर्थ कैंपस, नेहरू नगर, नरेला, मुंडका और आनंद विहार जैसे कई इलाकों में भी AQI 400 से ऊपर दर्ज किया गया।

 

 

 

AIIMS के डॉक्टर की कड़ी चेतावनी

दिल्ली स्थित एम्स में पल्मोनरी मेडिसिन और स्लीप डिसऑर्डर के प्रमुख डॉ. अनंत मोहन ने मौजूदा हालात पर गहरी चिंता व्यक्त की है। डॉ. मोहन ने कहा, "यहां प्रदूषण बेहद गंभीर और जानलेवा है। यह स्थिति पिछले 10 सालों से बनी हुई है... ज़मीनी स्तर पर मुझे ज़्यादा बदलाव नज़र नहीं आता। इसे एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की तरह लिया जाना चाहिए।"

उन्होंने मंगलवार को एक सेमिनार में बताया कि प्रदूषण अब न केवल श्वसन तंत्र को बल्कि अन्य अंगों को भी प्रभावित कर रहा है जिससे कई लोग जान-लेवा स्थितियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बाह्य रोगी विभाग (OPD) और आपातकालीन कक्षों (Emergency Rooms) में मरीज़ों की संख्या में वृद्धि हुई है और कई लोगों को वेंटिलेटर पर भी रखना पड़ा है।

 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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मास्क और प्यूरीफायर नहीं हैं स्थायी हल

डॉ. मोहन ने यह भी स्पष्ट किया कि व्यक्तिगत सुरक्षा के साधन पर्याप्त नहीं हैं। मास्क पहनना, अत्यधिक प्रदूषण के दौरान बाहर निकलने से बचना और एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करना पूर्ण समाधान नहीं हैं। ये केवल व्यक्तिगत स्तर पर सीमित सुरक्षा प्रदान करते हैं।

क्रियान्वित उपाय और मौसम का पूर्वानुमान

खतरनाक वायु गुणवत्ता के चलते दिल्ली में पहले से ही ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान-3 (GRAP-3) के प्रतिबंध लागू हैं। इसके तहत निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध और प्रमुख सड़कों पर पानी का छिड़काव जैसे कदम उठाए जा रहे हैं। एहतियात के तौर पर दिल्ली के स्कूलों ने प्राथमिक कक्षाओं को हाइब्रिड मोड (ऑनलाइन और ऑफलाइन का मिश्रण) में स्थानांतरित कर दिया है। वहीं भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले 48 घंटों तक आसमान में धुंध छाए रहने का अनुमान जताया है जिससे स्मॉग से तत्काल कोई राहत मिलने की उम्मीद कम है।

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