अलर्ट! दिमागी बुखार से अब तक 23 लोगों की मौतें, बच्चों के लिए सबसे बड़ा खतरा, जानें क्या है बीमारी और कैसे बचें

Edited By Updated: 13 Oct, 2025 04:32 PM

alert 23 people have died from encephalitis the biggest threat to children

केरल के कन्नूर जिले में दिमागी बुखार (एमोबिक एन्सेफलाइटिस) ने हड़कंप मचा दिया है। साढ़े 3 साल का एक बच्चा थाय्यिल निवासी गंभीर रूप से संक्रमित पाया गया है और उसे कोझिकोड के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों ने...

नेशनल डेस्क: केरल के कन्नूर जिले में दिमागी बुखार (एमोबिक एन्सेफलाइटिस) ने हड़कंप मचा दिया है। साढ़े 3 साल का एक बच्चा थाय्यिल निवासी गंभीर रूप से संक्रमित पाया गया है और उसे कोझिकोड के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे को पिछले तीन दिनों से तेज बुखार था और उसे दौरे पड़ रहे थे। फिलहाल उसकी हालत स्थिर है, लेकिन उसे अन्य मरीजों से अलग रखा गया है क्योंकि यह संक्रमण बेहद खतरनाक और नाक के जरिए फैलने वाला है, जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को प्रभावित कर सकता है।

अब तक 104 मरीज, 23 की मौत
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने हाल ही में जानकारी दी कि कन्नूर, कोल्लम, तिरुवनंतपुरम, मलप्पुरम और कोझिकोड जिलों में दिमागी बुखार फैला है। अब तक कुल 104 मरीज रिपोर्ट किए गए हैं, जिनमें 23 की मौत हो चुकी है और 81 मरीज अस्पताल में इलाजरत हैं। इसके अलावा राज्य में जापानी इंसेफेलाइटिस का भी खतरा बढ़ा हुआ है, जो वायरल संक्रमण है और गर्म तथा ताजे पानी में पनपता है।

क्लोरीनीकरण और जल सुरक्षा के निर्देश
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बच्चों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग इस बीमारी के लिए विशेष रूप से संवेदनशील हैं। इसलिए इरिगेशन डिपार्टमेंट को आदेश दिए गए हैं कि वे राज्य के पानी के स्रोतों का क्लोरीनीकरण करें। लोगों को भी सलाह दी गई है कि वे केवल क्लोरीन युक्त पानी पिएं और इसी में नहाएं। शुरुआती लक्षणों पर तुरंत उपचार कराने से ही जान बचाई जा सकती है।

दिमागी और जापानी बुखार के लक्षण
दिमागी बुखार (एमोबिक एन्सेफाइलाइटिस) दूषित पानी पीने या उसमें नहाने से फैलता है। इसके लक्षण हैं:
➤ तेज बुखार
➤ सिरदर्द
➤ उल्टी
➤ भ्रम और मानसिक विकार
➤ दौरे पड़ना

इस संक्रमण की गति बहुत तेज होती है और अगर 5 दिनों में इलाज न हो, तो यह 97% मामलों में जानलेवा साबित हो सकता है।
जापानी इंसेफेलाइटिस (JE) मच्छरों के काटने से फैलता है और मस्तिष्क में सूजन कर सकता है। इसके लक्षण हैं:
➤ तेज बुखार और सिरदर्द
➤ गर्दन का अकड़ना
➤ उल्टियां और भ्रम
➤ दौरे और कोमा
➤ विशेष रूप से 5 से 15 साल तक के बच्चे और किशोर इसके शिकार हो सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में, मानसून के दौरान और खेतों या सूअरों के संपर्क से यह संक्रमण फैल सकता है।

बचाव के उपाय
➤ केवल क्लोरीनयुक्त पानी का उपयोग करें
➤ दूषित जल से बचें और नहाने से पहले पानी की शुद्धता जांचें
➤ शुरुआती लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
➤ मच्छरों से बचाव करें और साफ-सफाई का ध्यान रखें

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