Edited By Parveen Kumar,Updated: 03 Oct, 2025 07:48 PM

अमेरिका में आर्थिक संकट गहराने के बीच अब अंतरिक्ष अनुसंधान पर भी बड़ा असर देखने को मिला है। फंडिंग रुक जाने के कारण दुनिया की सबसे बड़ी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अपने दैनिक अपडेट और कई अहम ऑपरेशंस को बंद करने की घोषणा कर दी है। एजेंसी की वेबसाइट पर...
नेशनल डेस्क: अमेरिका में आर्थिक संकट गहराने के बीच अब अंतरिक्ष अनुसंधान पर भी बड़ा असर देखने को मिला है। फंडिंग रुक जाने के कारण दुनिया की सबसे बड़ी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अपने दैनिक अपडेट और कई अहम ऑपरेशंस को बंद करने की घोषणा कर दी है। एजेंसी की वेबसाइट पर साफ लिखा गया है कि नासा "अगले आदेश तक बंद रहेगा।"
अमेरिकी सरकार भी शटडाउन
नासा का यह कदम अमेरिकी सरकार के शटडाउन के बाद सामने आया। 1 अक्टूबर 2025 से अमेरिका में सरकार की बंदी शुरू हो गई, क्योंकि कांग्रेस बजट या अस्थायी फंडिंग उपाय पारित करने में नाकाम रही। लगभग छह साल बाद हुए इस शटडाउन ने नासा समेत कई सरकारी एजेंसियों के हजारों कर्मचारियों को बिना वेतन के छुट्टी पर भेज दिया। अब केवल उन्हीं कार्यों को जारी रखा जा रहा है जो जीवन और संपत्ति की सुरक्षा से जुड़े हैं।
नासा का संचार और अपडेट ठप
फंडिंग रुकने से नासा का सोशल मीडिया, दैनिक संचार और मिशन अपडेट बंद कर दिए गए हैं। हालांकि, कुछ अहम कार्य सीमित कर्मचारियों के साथ जारी हैं — जैसे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा, सक्रिय अंतरिक्ष यानों की निगरानी और क्षुद्रग्रह ट्रैकिंग।
चंद्रमा और मंगल मिशन पर खतरा
इस आर्थिक कंगाली का सबसे बड़ा असर नासा के महत्वाकांक्षी आर्टेमिस प्रोग्राम पर पड़ सकता है, जिसके तहत इंसानों को दोबारा चंद्रमा पर भेजने की योजना है। अनुसंधान परियोजनाएं और विश्वविद्यालयों के साथ वैज्ञानिक सहयोग भी प्रभावित हो गए हैं। ठेकेदारों और साझेदार संस्थानों के लिए भी मुश्किलें बढ़ने लगी हैं।
अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा बनी प्राथमिकता
नासा के वैज्ञानिक और इंजीनियर भले ही मजबूरन चुपचाप इंतजार कर रहे हों, लेकिन अंतरिक्ष में तैनात अंतरिक्ष यात्रियों और सक्रिय यानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निगरानी जारी है। फिलहाल एजेंसी का भविष्य राजनीतिक गतिरोध पर टिका हुआ है, जो यह दिखाता है कि कैसे सत्ता की खींचतान सीधे विज्ञान और अंतरिक्ष अन्वेषण को खतरे में डाल सकती है।