Edited By Parveen Kumar,Updated: 15 Dec, 2025 09:46 PM

नवंबर महीने में भारत के कुल मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट में जोरदार बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सालाना आधार पर देश का सामान निर्यात 19% बढ़कर 38.13 बिलियन डॉलर तक पहुँच गया, जिसमें अमेरिका के साथ व्यापार में खासा सुधार देखने को मिला।
नेशनल डेस्क: नवंबर महीने में भारत के कुल मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट में जोरदार बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सालाना आधार पर देश का सामान निर्यात 19% बढ़कर 38.13 बिलियन डॉलर तक पहुँच गया, जिसमें अमेरिका के साथ व्यापार में खासा सुधार देखने को मिला। इस बढ़ोतरी ने भारत के बाहरी व्यापार की तस्वीर को कुछ हद तक राहत भरी बना दिया है। इस दौरान भारत का मर्चेंडाइज गुड्स ट्रेड डेफिसिट भी तेज़ी से घटा है। अक्टूबर में जहाँ यह घाटा रिकॉर्ड स्तर 41.7 बिलियन डॉलर पर था, वहीं नवंबर में घटकर 24.5 बिलियन डॉलर रह गया। यह आंकड़ा रॉयटर्स के 32 बिलियन डॉलर के अनुमान से भी कहीं बेहतर रहा।
अमेरिका को भारत के निर्यात में नवंबर में बड़ा उछाल देखने को मिला। सालाना आधार पर अमेरिका को भारत का एक्सपोर्ट 22.6% बढ़कर 6.98 बिलियन डॉलर हो गया, जो अक्टूबर के 6.31 बिलियन डॉलर से भी अधिक है। इससे पहले अक्टूबर में अमेरिका को निर्यात 8.6% और सितंबर में 11.9% की गिरावट के साथ दर्ज किया गया था। कुल मिलाकर नवंबर में भारत के सामान और सेवाओं के एक्सपोर्ट में 15.52% की बढ़ोतरी हुई और यह 73.99 बिलियन डॉलर तक पहुँच गया। इस दौरान इलेक्ट्रॉनिक्स, रत्न और आभूषण, इंजीनियरिंग सामान और यहां तक कि रेडीमेड टेक्सटाइल के निर्यात में भी एक साल पहले की तुलना में सुधार दर्ज किया गया।
हालांकि, चुनौतियां अब भी बनी हुई हैं। अगस्त में अमेरिका ने भारतीय आयात पर अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाया था, जिससे कुल ड्यूटी 50% तक पहुँच गई। यह वाशिंगटन द्वारा अपने व्यापारिक साझेदारों पर लगाए गए सबसे ऊँचे टैरिफ में शामिल है, जिसका सबसे ज्यादा असर टेक्सटाइल, रत्न और आभूषण और समुद्री उत्पादों पर पड़ा। भारत के उद्योग निकाय PHDCCI के अध्यक्ष राजीव जुनेजा ने कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत ने अपने 20 प्रमुख व्यापारिक भागीदारों में से 14 के साथ सकारात्मक निर्यात वृद्धि दर्ज की है, जो देश के बाहरी व्यापार में बढ़ते विविधीकरण और मजबूती को दर्शाता है।
इस बीच, भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ताएं कई महीनों से जारी हैं, हालांकि अब तक कोई ठोस समझौता नहीं हो पाया है। संकेत मिल रहे हैं कि दोनों पक्ष धीरे-धीरे अपने रुख में नरमी ला रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर लगाए गए टैरिफ कम करने का इशारा किया है। वॉशिंगटन के साथ संतुलन बनाने के लिए नई दिल्ली ने अमेरिका से तेल और गैस की खरीद बढ़ाई है, ताकि व्यापार अधिशेष को कम किया जा सके। साथ ही, आने वाले समय में भारत द्वारा अमेरिका से कृषि उत्पादों की खरीद बढ़ाए जाने की भी उम्मीद जताई जा रही है।