Edited By Seema Sharma,Updated: 12 Jul, 2021 04:07 PM

ओडिशा के पुरी में सोमवार को ढोल, मंजीरे और शंख की ध्वनि तथा ‘हरि बोल'' के उद्घोष के साथ भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की वार्षिक रथयात्रा को शुरुआत हुई। इस दौरान कोरोना नियमों का कड़ाई से पालन किया गया और पूरे शहर में कर्फ्यू लागू रहा। 12वीं...
नेशनल डेस्क: ओडिशा के पुरी में सोमवार को ढोल, मंजीरे और शंख की ध्वनि तथा ‘हरि बोल' के उद्घोष के साथ भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की वार्षिक रथयात्रा को शुरुआत हुई। इस दौरान कोरोना नियमों का कड़ाई से पालन किया गया और पूरे शहर में कर्फ्यू लागू रहा। 12वीं शताब्दी के मंदिर के इतिहास में लगातार दूसरे साल और दूसरी बार ऐसा हुआ जब रथयात्रा में आमजन शामिल नहीं हो सके।
मंदिर के सामने तीन किलोमीटर तक ‘ग्रैंड रोड' सूनी पड़ी थी और केवल कुछ चुनिंदा पुजारी तथा पुलिसकर्मियों को ही उपस्थित रहने की अनुमति थी। पुरी के जिलाधिकारी समर्थ वर्मा ने बताया कि केवल उन्हीं सेवादारों, पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को उत्सव में भाग लेने की अनुमति थी जिनकी covid-19 जांच ‘निगेटिव' थी। उन्होंने कहा कि सड़कों या घर की छतों पर एकत्र होने की मनाही थी।

वर्मा ने कहा कि लोगों के स्वास्थ्य के हित को देखते हुए कर्फ्यू लगाया गया है। रविवार रात से ही धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो गए थे तथा भगवान जगन्नाथ, भगवान भलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान सुदर्शन को चरणबद्ध तरीके से ‘पहंडी' प्रक्रिया के तहत उनके रथों तक ले जाया गया। देव प्रतिमाओं को रथों में स्थापित करने के बाद पुरी के राजा गजपति महाराजा दिव्यसिंह देव ने सोने की झाड़ू से रथों को बुहारने की परंपरा का निर्वाह किया। इसके बाद गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने देव प्रतिमाओं का दर्शन किया और फिर रथों को खींचा गया।

श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के एक अधिकारी ने बताया कि पहले निर्णय लिया गया था कि रथों को अपराह्न 3 बजे से खींचना शुरू किया जाएगा लेकिन असल में यह प्रक्रिया तय समय से पहले शुरू हुई। अधिकारियों ने बताया कि पुरी शहर में प्रवेश के सभी बिंदुओं को सील कर दिया गया है और पुलिस की 65 पलटन से अधिक तैनात की गई है। हर पलटन में 30 पुलिसकर्मी हैं। इसके अलावा विभिन्न स्थानों पर CCTV लगाए गए हैं।

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पुरी न जाकर टेलीविजन पर रथयात्रा देखी। राज्य सरकार ने देशभर के श्रद्धालुओं के लिए रथयात्रा के आयोजन का मुफ्त सीधा प्रसारण करने की व्यवस्था की थी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ओडिशा के राज्यपाल गणेशी लाल, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक तथा अन्य नेताओं ने लोगों को उत्सव की शुभकामनायें दी।