Edited By Anu Malhotra,Updated: 18 Dec, 2025 01:42 PM

उधमपुर के माजलता गांव में बुधवार का दिन कभी न भूल पाने वाला बन गया। जब देश के लिए शहीद हुए जवान अमजद अली खान को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई, तो हर आंख नम थी और हर दिल भारी।
नेशनल डेस्क: उधमपुर के माजलता गांव में बुधवार का दिन कभी न भूल पाने वाला बन गया। जब देश के लिए शहीद हुए जवान अमजद अली खान को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई, तो हर आंख नम थी और हर दिल भारी।
शहीद का पार्थिव शरीर जैसे ही उनके घर पहुंचा, वहां मौजूद लोग अपने आंसू रोक नहीं सके। सबसे हृदयविदारक दृश्य तब सामने आया, जब उनकी महज एक साल की बेटी ताबूत के पास पहुंची। मासूम ने अपने पिता को देखते ही पहचान लिया और धीमी, रूंधी हुई आवाज में बार-बार “पापा… पापा…” पुकारने लगी। वह उन्हें जगाने की कोशिश कर रही थी, अनजान कि उसके पापा अब कभी नहीं उठेंगे। उस पल ने वहां मौजूद हर शख्स को भीतर तक झकझोर दिया।
ताबूत में लिपटे पिता के पास खड़ी बच्ची की यह तस्वीर और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है। जिसने भी यह दृश्य देखा, उसकी आंखें भर आईं। बेटी और पिता के बीच का यह आखिरी, अधूरा रिश्ता हर किसी को भावुक कर गया।
इसी बीच अमजद खान का एक और वीडियो भी सामने आया है, जो उनके शहीद होने से पहले का बताया जा रहा है। इसमें वह बिस्तर पर लेटे हुए शांत मन से गीत गुनगुना रहे हैं। सुर और ताल पर उनका ध्यान, उनके सादे और संवेदनशील व्यक्तित्व की झलक दिखाता है। यह वीडियो अब लोगों के बीच भावनाओं का एक और कारण बन गया है।
गौरतलब है कि कांस्टेबल अमजद अली खान आतंकवाद के खिलाफ चल रहे एक अभियान के दौरान शहीद हुए। उधमपुर जिले के सोआन क्षेत्र के जंगलों में पाकिस्तानी आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान उन्होंने वीरता से लड़ते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने भी अपने इस जांबाज सिपाही को श्रद्धांजलि दी। पुलिस ने अपने संदेश में कहा कि हीरो कभी नहीं मरते। डीजीपी नलिन प्रभात सहित पुलिस के सभी अधिकारियों और जवानों ने अमजद अली खान की शहादत को सलाम किया और उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना जताई।