भारत बायोटेक के चेयरमैन ने कहा, "हम पर अनुभवहीन होने का आरोप न लगाएं

Edited By Yaspal,Updated: 04 Jan, 2021 06:26 PM

bharat biotech chairman said  don t accuse us of being inexperienced

कोरोना महामारी के बीच भारत के औषधइ नियामक ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने देश में दो कोविड टीकों के उपयोग को रविवार को मंजूरी दे दी है। डीसीजीआई ने जिन दो टीकों के सीमित आपात उपयोग की मंजूरी दी है, उनमें ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और...

नेशनल डेस्कः कोरोना महामारी के बीच भारत के औषधइ नियामक ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने देश में दो कोविड टीकों के उपयोग को रविवार को मंजूरी दे दी है। डीसीजीआई ने जिन दो टीकों के सीमित आपात उपयोग की मंजूरी दी है, उनमें ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्राजेनेका के द्वारा के द्वारा सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ मिलकर तैयार कोविशील्ड तथा घरेलू दवा कंपनी भारत बायोटेक के द्वारा विकसित पूर्णतः स्वदेशी कोवैक्सीन शामिल है। भारत बायोटैक के चैयरमैन कृष्णा झल्ला ने कहा, “हम पर अनुभवहीन होने का आरोप न लगाएं, हम कई टीकों के निर्माता हैं।“ उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि हम डेटा को लेकर पारदर्शी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सारे डेटा पब्लिक डोमेन पर हैं और इसमें कुछ सीक्रेट नहीं है।

उन्‍होंने कोवैक्‍सीन को दुनिया के सबसे सुरक्षित कोरोना वैक्‍सीन में से बताया. डॉ. कृष्‍णा इल्‍ला ने कहा, हमने वैश्विक स्‍तर पर 18 से अधिक क्‍लीनिकल ट्रायल किए हैं. हम इतनी बड़ी संख्‍या में क्‍लीनिकल ट्रायल करने वाले विकासशील देश की सबसे बड़ी कंपनी हैं।

गौरतलब है कि भारत बायोटेक ने फेज 2 में 12-18 साल के बच्चों पर भी वैक्सीन का ट्रायल किया था. इसके आधार पर DCGI ने क्लिनिकल ट्रायल मोड में आपातकालीन हालत में वैक्सीन के सीमित इस्तेमाल की मंजूरी दी है और इसमें 12 वर्ष या इससे ऊपर के बच्चे भी शामिल हैं। हालांकि अभी सरकार की प्राथमिकता जिन 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने की है उनमें बच्चे शामिल नहीं हैं।

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