Edited By Anu Malhotra,Updated: 08 Oct, 2025 04:46 PM

बिहार विधानसभा चुनावों से पहले राजनीति में हलचल तेज हो गई है। प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता और वर्तमान विधायक मुरारी गौतम ने बुधवार को पार्टी से अपना इस्तीफा सौंप दिया है। माना जा रहा है कि वे बीजेपी में शामिल होंगे और चेनारी विधानसभा सीट से पार्टी...
नेशनल डेस्क: बिहार विधानसभा चुनावों से पहले राजनीति में हलचल तेज हो गई है। प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता और वर्तमान विधायक मुरारी गौतम ने बुधवार को पार्टी से अपना इस्तीफा सौंप दिया है। माना जा रहा है कि वे बीजेपी में शामिल होंगे और चेनारी विधानसभा सीट से पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं।
राजनीतिक पैंतरेबाज़ीः कब-क्यों हुआ पलटा?
मुरारी गौतम पहले बिहार के मंत्री थे, लेकिन उनकी कांग्रेस के प्रति वफादारी लगातार प्रश्नों के घेरे में रही। विधानसभा अध्यक्ष ने आदर्श आचार संहिता लागू होते ही उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। इससे पहले कांग्रेस ने उनका इस्तीफा स्वीकार करने में देरी की थी, लेकिन चुनाव समीकरण बदलने पर पार्टी को मजबूरन यह कदम उठाना पड़ा।
चेनारी सीट पर किसका विरोध?
गौतम ने 2020 में चेनारी (रोहतास जिला) से कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा जीत हासिल की थी। उस समय वे महागठबंधन दौर में कांग्रेस के हिस्से में मंत्री पद पर भी रहे। लेकिन फरवरी 2024 में जब महागठबंधन सरकार गिरा और एनडीए सत्ता में लौटा, तो उन्होंने फ्लोर टेस्ट के दौरान एनडीए की ओर रुख किया — उस समय भी कांग्रेस को यह कदम अशिष्ट रूप से धोखा जैसा प्रतीत हुआ।
अब खबर है कि बीजेपी उन्हें चेनारी से उम्मीदवार बना सकती है। इस सीट पर उनके खिलाफ कौन होगा, और कांग्रेस इस दांव का कैसे सामना करेगी — ये सब अगले कुछ दिनों में साफ होगा।
मुरारी गौतम के भाजपा की ओर जाने से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि चुनावी समीकरणों में अब “प्रतिष्ठा वाले चेहरे” को दोहरी जिम्मेदारी मिल सकती है। कांग्रेस को बड़ा झटका लगने के साथ ही भाजपा को भी इस सीट पर रणनीतिक बढ़त मिल सकती है। इस कदम को कांग्रेस के अंदरूनी संघर्ष और सीट बंटवारे की जटिलताओं से जोड़कर देखा जा रहा है। वहीं, भाजपा के लिए यह एक सुनहरा अवसर है कि वे चेनारी में स्थानीय प्रभावशाली चेहरा मैदान में उतार कर विपक्षी खेमे को कमजोर कर सकें।