Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Aug, 2017 03:09 PM
निवर्तमान उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने ‘‘स्वीकार्यता के माहौल’’ को खतरे में बताते हुए बुधवार को कहा कि देश के मुस्लिमों में बेचैनी का अहसास और असुरक्षा की भावना है।
नई दिल्लीः निवर्तमान उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने ‘‘स्वीकार्यता के माहौल’’ को खतरे में बताते हुए बुधवार को कहा कि देश के मुस्लिमों में बेचैनी का अहसास और असुरक्षा की भावना है। अंसारी का यह बयान भाजपा और शिवसेना नेताओं को नागवार गुजरा है। जहां भाजपा नेताओं ने इस बयान को पद की गरिमा के खिलाफ बताया है तो वहीं शिवसेना ने इससे भी तीखी टिप्पणी की।
शिवसेना ने कड़ी प्रतिक्रिया
अंसारी के बयान पर शिवसेना ने कड़ी प्रतिक्रिया जताती है। शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि अगर अंसारी जी को मुस्लिमों में बेचैनी और असुरक्षा की भावना दिखती है तो इस विषय को लेकर उन्होंने पहले ही अपने पद से इस्तीफा क्यों नहीं दे दिया। अब जब वह विदा ले रहे हैं, तब इस तरीके का बयान दे रहे हैं।
मुसलमानों के लिए भारत से अच्छा कोई देश नहीं
-भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि मुसलमानों के लिए पूरी दुनिया में भारत से अच्छा कोई देश नहीं है और न हिंदुओं से बेहतर कोई दोस्त।
-गिरीराज सिंह ने कहा कि पूरी दुनिया में भारत के नागरिकों से ज़्यादा कोई सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा, 'यहां कोई कुछ भी कह सकता हैं, कोई भी पत्थरबाजों का समर्थन कर सकता हैं, कोई भी अलगाववादियों का समर्थन कर सकता है। यहां आधी रात को आतंकियों के लिए कोर्ट खुल सकते हैं, इसलिए भारत में हिंदू और मुसलमान सभी सुरक्षित हैं। भारत जैसा देश कोई नहीं मिलेगा।
-कैलाश विजयवर्गीय ने भी हामिद अंसारी के बयान से असहमति जताई. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि देश के शीर्ष पद पर बैठकर इस तरह का बयान देना ठीक नहीं है। मैं उनके बयान से सहमत नहीं हूं। तीन-चार घटनाओं के आधार आकलन करना ठीक नहीं हैं। ऐसे हजारों उदाहरण मिल जाएंगे कि हिन्दू-मुसलमान मिलकर एक साथ रहते हैं।
ये कहा था हामिद अंसारी ने
अंसारी ने एक इंटरव्यू में कहा कि देश के मुस्लिमों में बेचैनी का अहसास और असुरक्षा की भावना है। 80 साल के अंसारी का उपराष्ट्रपति के तौर पर दूसरा कार्यकाल आज पूरा हो रहा है। उन्होंने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है जब असहनशीलता और कथित गोरक्षकों की गुंडागर्दी की घटनाएं सामने आई हैं। सारी ने कहा कि उन्होंने असहनशीलता का मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके कैबिनेट सहयोगियों के सामने उठाया है।