Edited By Anu Malhotra,Updated: 27 Nov, 2025 12:08 PM

उत्तर प्रदेश में 2027 के विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा ने अपनी चुनावी तैयारी पूरी तरह से तेज कर दी है। पार्टी ने हाल ही में प्रदेश के 14 जिलों में नए जिलाध्यक्षों की घोषणा की है, जो संगठन को मजबूती देने और चुनावी रणनीति को सफल बनाने के लिए अहम...
नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश में 2027 के विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा ने अपनी चुनावी तैयारी पूरी तरह से तेज कर दी है। पार्टी ने हाल ही में प्रदेश के 14 जिलों में नए जिलाध्यक्षों की घोषणा की है, जो संगठन को मजबूती देने और चुनावी रणनीति को सफल बनाने के लिए अहम भूमिका निभाएंगे। इस फैसले से पार्टी का लक्ष्य चुनावी मैदान में सक्रियता बढ़ाना और बेहतर प्रदर्शन करना है।
इन नए जिलाध्यक्षों में मेरठ, अलीगढ़, झांसी जैसे बड़े और राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जिले शामिल हैं। मेरठ जिले का नेतृत्व हरवीर पाल को सौंपा गया है जो पिछड़ा वर्ग से आते हैं। वहीं, हापुड़ जिले की कमान अनुसूचित जाति की कविता माधरे को दी गई है। अन्य जिलों जैसे फिरोजाबाद, हाथरस, अलीगढ़ महानगर, एटा, जालौन, झांसी महानगर, हमीरपुर, फतेहपुर, बाराबंकी, जौनपुर और कौशांबी में भी पार्टी ने समान्य, पिछड़ा और अनुसूचित जाति वर्ग के नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी है।
इस नई नियुक्ति में कुल सात सामान्य वर्ग, छह पिछड़ा वर्ग और एक अनुसूचित जाति के नेता शामिल हैं, जो पार्टी की सामाजिक समावेशन की नीति को दर्शाता है। भाजपा का यह कदम पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने और हर वर्ग व क्षेत्र तक अपनी पकड़ बढ़ाने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
पार्टी नेतृत्व का मानना है कि यह रणनीतिक बदलाव आगामी चुनावों में बेहतर संगठनात्मक कार्यवाही और चुनाव प्रचार की ताकत देगा। नए जिलाध्यक्ष स्थानीय स्तर पर संगठन को सक्रिय करेंगे और जनता से पार्टी की योजनाओं एवं नीतियों को प्रभावी ढंग से जोड़ने का काम करेंगे।
यह भी कहा जा रहा है कि भाजपा की यह पहल विधानसभा चुनावों से पहले एक मजबूत संदेश है कि पार्टी हर क्षेत्र और वर्ग के साथ जुड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। ऐसे में आगामी चुनावों में भाजपा की पकड़ और भी मजबूत होने की संभावना है, जिससे प्रदेश की राजनीति में नया रंग देखने को मिल सकता है।