Edited By Utsav Singh,Updated: 04 Aug, 2024 08:38 AM
पश्चिम बंगाल से एक विवादास्पद वीडियो सामने आया है जिसमें राज्य के मंत्री अखिल गिरी एक महिला फॉरेस्ट अफसर को धमकाते हुए नजर आ रहे हैं। यह वीडियो बीजेपी बंगाल द्वारा जारी किया गया है ।
पश्चिम बंगाल : पश्चिम बंगाल से एक विवादास्पद वीडियो सामने आया है जिसमें राज्य के मंत्री अखिल गिरी एक महिला फॉरेस्ट अफसर को धमकाते हुए नजर आ रहे हैं। यह वीडियो बीजेपी बंगाल द्वारा जारी किया गया है और इसमें मंत्री अखिल गिरी को महिला अधिकारी को अभद्र भाषा में धमकाते हुए दिखाया गया है। घटना का मामला तब सामने आया जब महिला अधिकारी सरकारी वन क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने का काम कर रही थी।
घटना का विवरण
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धमकी और अभद्र भाषा: वीडियो में मंत्री अखिल गिरी महिला फॉरेस्ट अफसर को धमकाते हुए देखे जा सकते हैं। मंत्री ने अधिकारी से कहा कि वह एक सरकारी कर्मचारी है और बातचीत के दौरान सिर झुका कर बात करें। इसके अलावा, उन्होंने धमकी दी कि अगर महिला अफसर ने इस मामले में दखल देने की कोशिश की तो वे सुनिश्चित करेंगे कि वह सही सलामत न लौट सके। मंत्री ने यह भी कहा कि वह उसे छड़ी से पीटेंगे।
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मंत्री की उत्तेजना: सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे को हटाने के दौरान मंत्री गिरी ने महिला अधिकारी पर गुस्सा व्यक्त किया और कहा, “एक हफ्ते के भीतर तुम देखोगी कि क्या होता है।” गुस्से में मंत्री ने अधिकारी को जान से मारने की धमकी दी और कहा कि वह छड़ी से पीटने की बात कर रहे थे।
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सामाजिक प्रतिक्रिया: इस घटना के दौरान मौके पर बंगाल पुलिस और वन विभाग के अन्य अफसर भी मौजूद थे, लेकिन किसी ने भी महिला अधिकारी के समर्थन में आवाज नहीं उठाई। वीडियो में देखा जा सकता है कि सरकारी जमीन पर कब्जा जमाए बैठे लोग भी मंत्री के साथ खड़े थे।
बीजेपी का आरोप और ममता सरकार पर हमला
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बीजेपी का रुख: इस घटना के बाद बीजेपी ने ममता बनर्जी की सरकार पर हमले शुरू कर दिए हैं। पार्टी ने वीडियो साझा करते हुए सवाल उठाया है कि क्या ममता सरकार अपने मंत्री को कैबिनेट से हटाकर जेल में डालेगी। बीजेपी ने मांग की है कि सरकार इस घटना की गंभीरता को समझते हुए मंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज करे।
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ममता सरकार की चुप्पी: इस मामले पर ममता बनर्जी की सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
अखिल गिरी का विवादित इतिहास
- विवादित बयान: अखिल गिरी, जो पश्चिम बंगाल की रामनगर विधानसभा सीट से विधायक हैं, अपने विवादित बयानों और दुर्व्यवहार के लिए जाने जाते हैं। पूर्व में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अभद्र टिप्पणी की थी, जिससे काफी विवाद उत्पन्न हुआ था। इसके अलावा, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के रंग-रूप पर भी उन्होंने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद उन्होंने माफी मांग ली थी।
इस घटना ने पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक नया विवाद उत्पन्न कर दिया है और सरकार के खिलाफ बढ़ते आरोपों के बीच स्थिति और जटिल हो गई है।