Edited By Mansa Devi,Updated: 19 Dec, 2025 05:20 PM

सोना साल 2025 में अब तक 65% बढ़ चुका है और आगे भी इसके दाम में बढ़ोतरी की उम्मीद जताई जा रही है। सोना हमेशा से निवेश के लिए सुरक्षित और भरोसेमंद विकल्प माना गया है। इसका आकर्षण केवल कीमत बढ़ने तक सीमित नहीं है, बल्कि आर्थिक अनिश्चितताओं के समय यह...
नेशनल डेस्क: सोना साल 2025 में अब तक 65% बढ़ चुका है और आगे भी इसके दाम में बढ़ोतरी की उम्मीद जताई जा रही है। सोना हमेशा से निवेश के लिए सुरक्षित और भरोसेमंद विकल्प माना गया है। इसका आकर्षण केवल कीमत बढ़ने तक सीमित नहीं है, बल्कि आर्थिक अनिश्चितताओं के समय यह निवेशकों का सुरक्षित साथी भी होता है। पिछले 25 सालों में सोने ने औसतन सालाना 14.6% का रिटर्न दिया है, जो किसी भी ट्रेडिशनल सेविंग स्कीम या बैंक डिपॉजिट से कहीं अधिक है।
पिछले 25 सालों में सोने की बढ़त
अक्टूबर 2000 में सोने की कीमत 4,400 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, जो अब लगभग 1,33,000 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है। इसका मतलब यह हुआ कि सोने की कीमतों में सालाना औसतन 14.6% की वृद्धि रही है। अगर आप सोच रहे हैं कि 25 साल बाद आपके बच्चों की शादी के समय सोने के गहने किस दाम पर मिलेंगे, तो वर्तमान ट्रेंड के अनुसार इसका अनुमान लगाया जा सकता है।
साल 2050 तक सोने का भाव कितना होगा?
अगर अगले 25 सालों तक सोने की कीमतें इसी दर (14.6% CAGR) से बढ़ती रही, तो 2050 तक सोने का भाव लगभग 40 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है। उदाहरण के लिए, यदि आपके पास 1 करोड़ रुपये हैं, तो आप उससे केवल 25 ग्राम सोना ही खरीद पाएंगे। हालांकि, यह सिर्फ अनुमान है। सोने की कीमतें कई घरेलू और वैश्विक फैक्टर्स पर निर्भर करती हैं, जैसे कि ब्याज दर, डॉलर की स्थिति, सेंट्रल बैंक की नीतियां और ग्लोबल इकॉनमी की स्थिति। इसलिए 2050 में सोने का भाव 40 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम से अधिक या कम हो सकता है।
सोने की कीमत बढ़ने के पीछे वजहें
पिछले 25 सालों में, जब भी स्टॉक मार्केट या बॉन्ड जैसी एसेट्स की चमक फीकी पड़ी, सोने ने अपनी पकड़ मजबूत रखी। महंगाई, आर्थिक अनिश्चितता और करेंसी में उतार-चढ़ाव के समय सोना निवेशकों के लिए सुरक्षित ठिकाना बना रहा है। साथ ही, सेंट्रल बैंकों और बड़े निवेशकों की लगातार खरीदारी ने भी सोने की कीमतों को मजबूती दी है।