सावधान! इस दिवाली पटाखे जलाने पर हो सकती है जेल, 10 करोड़ तक का जुर्माना

Edited By Seema Sharma,Updated: 23 Oct, 2019 01:28 PM

careful this diwali may be in jail for burning firecrackers

इस दिवाली अगर आप पटाखे फोड़ने की प्लानिंग बना रहे हैं तो जरा सावधान! पटाखे फोड़ने की प्लानिंग आपको जेल पहुंचा सकती है और भारी भरकम जुर्माना भी आपको पड़ सकता है। जी हां, पर्यावरण संरक्षण कानून के तहत प्रदूषण फैलाने वालों के लिए पांच से सात साल तक की...

नई दिल्लीः इस दिवाली अगर आप पटाखे फोड़ने की प्लानिंग बना रहे हैं तो जरा सावधान! पटाखे फोड़ने की प्लानिंग आपको जेल पहुंचा सकती है और भारी भरकम जुर्माना भी आपको पड़ सकता है। जी हां, पर्यावरण संरक्षण कानून के तहत प्रदूषण फैलाने वालों के लिए पांच से सात साल तक की जेल का प्रावधान किया गया है, साथ ही जुर्माना भी रखा गया है।

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प्रदूषण रोकने के लिए बनाए गए अधिनियम
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष और सीनियर एडवोकेट जितेंद्र मोहन शर्मा और एडवोकेट कालिका प्रसाद काला ने बताया कि हवा को प्रदूषित होने से रोकने के लिए पर्यावरण संरक्षण अधिनियम और वायु प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम बनाए गए हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सभी राज्यों में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) का गठन किया गया है। इन सभी को प्रदूषण रोकने के लिए आदेश देने और कार्रवाई करने का अधिकार दिया गया है।

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10 करोड़ तक जुर्माना
एडवोकेट कालिका प्रसाद ने बताया कि NGT को प्रदूषण फैलाने वाले को तीन साल तक की सजा और 10 करोड़ रुपए का जुर्माने का प्रावधान रखा गया है। अगर 10 करोड़ रुपए के जुर्माने और जेल की सजा के बावजूद भी प्रदूषण जारी रहता है और एनजीटी के आदेश का पालन नहीं किया जाता है, तो प्रतिदिन के हिसाब से 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है। एडवोकेट कालिका ने बताया कि अगर कोई कंपनी प्रदूषण फैलाती है तो एनजीटी उस पर 25 करोड़ रुपए तक जुर्माना भी लगा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर कंपनी फिर भी नहीं मानती और प्रदूषण नहीं रोकती है तो उस पर रोजाना के हिसाब से एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है।

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हवा को दूषित करने का अधिकार किसी को नहीं: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट जितेंद्र मोहन शर्मा ने कहा कि स्वच्छ हवा जीवन से जुड़ी है और किसी को इस बात का अधिकार नहीं है कि वो हवा दूषित करे। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन जीने के मौलिक अधिकार के तहत स्वच्छ हवा पाने का अधिकार भी आता है। उन्होंने कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वो देश के नागरिकों को साफ और स्वच्छ पर्यावरण मुहैया कराए।

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बता दें कि केजरीवाल सरकार 4 नवंबर से दिल्ली में ऑड-ईवन योजना फिर से लागू करने जा रही है। दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने इसकी घोषणा करते हुए कहा था कि वायु प्रदूषण को कम करने के लिए ऑड-ईवन स्कीम लागू की जा रही है। वहीं इस बार चाइनीज पटाखे फोड़ने पर भी सजा का प्रावधान रखा गया है।

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