Proof of citizenship: नागरिकता साबित करने के लिए Aadhar, PAN या Passport ही नहीं, ये दस्तावेज भी हैं मान्य – जानें पूरी जानकारी

Edited By Updated: 23 Aug, 2025 11:18 AM

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अक्सर हम सोचते हैं कि अगर किसी व्यक्ति के पास आधार कार्ड, पैन कार्ड या पासपोर्ट नहीं है, तो वह अपनी नागरिकता कैसे साबित करेगा। लेकिन हकीकत इससे कहीं अलग है। भारत में नागरिकता सिद्ध करने के लिए सिर्फ ये तीन दस्तावेज अनिवार्य नहीं हैं। इसके पीछे एक...

नेशनल डेस्क:  अक्सर हम सोचते हैं कि अगर किसी व्यक्ति के पास आधार कार्ड, पैन कार्ड या पासपोर्ट नहीं है, तो वह अपनी नागरिकता कैसे साबित करेगा। लेकिन हकीकत इससे कहीं अलग है। भारत में नागरिकता सिद्ध करने के लिए सिर्फ ये तीन दस्तावेज अनिवार्य नहीं हैं। इसके पीछे एक मजबूत कानूनी व्यवस्था है, जो विभिन्न माध्यमों से नागरिकता के प्रमाण को स्वीकार करती है।

भारतीय नागरिकता का कानूनी आधार
भारत में नागरिकता का निर्धारण 'नागरिकता अधिनियम, 1955' के अंतर्गत किया जाता है। इस अधिनियम के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति: भारत में जन्मा है और उसके माता-पिता भारतीय नागरिक हैं, या वह एक निर्धारित अवधि तक भारत में निवास कर चुका है तो वह कानूनी रूप से भारतीय नागरिक माना जाएगा। इसका मतलब यह है कि आपकी पहचान केवल आधार, पैन या पासपोर्ट तक सीमित नहीं है।

किन दस्तावेजों से साबित हो सकती है नागरिकता?
यदि आपके पास आधार या पैन नहीं है, तो भी आप निम्नलिखित वैकल्पिक दस्तावेजों के जरिए अपनी नागरिकता प्रमाणित कर सकते हैं:
-जन्म प्रमाण पत्र
-स्कूल/कॉलेज का प्रवेश या ट्रांसफर सर्टिफिकेट
-वोटर आईडी कार्ड
-राशन कार्ड
-बिजली, पानी या टेलीफोन बिल
-घर की रजिस्ट्री या प्रॉपर्टी टैक्स का प्रमाण
-पंचायत या नगर निगम से जारी किया गया निवासी प्रमाण पत्र
-सरकारी नौकरी से संबंधित दस्तावेज
इन दस्तावेजों का उपयोग विभिन्न सरकारी सेवाओं में पहचान और नागरिकता सिद्ध करने के लिए किया जा सकता है।

स्थानीय प्रशासन से मिलती है मदद
-यदि किसी व्यक्ति के पास ऊपर दिए गए दस्तावेज भी नहीं हैं, तो वह स्थानीय प्रशासन से सहायता प्राप्त कर सकता है:
-तहसील कार्यालय, नगर निगम या पंचायत कार्यालय से प्रमाण पत्र बनवाना
-ग्राम प्रधान, पार्षद या स्थानीय अधिकारी की सिफारिश
-पुराने स्कूल रजिस्टर या अस्पताल के रिकॉर्ड
-गवाहों की मदद (जैसे पड़ोसी या रिश्तेदार)

इन उपायों के तहत व्यक्ति की पहचान और नागरिकता की पुष्टि की जा सकती है। न्यायालय और जांच एजेंसियां ऐसे मामलों में परिस्थितिजन्य साक्ष्यों और गवाही को भी स्वीकार कर सकती हैं।

अब कभी भी बनवा सकते हैं जन्म प्रमाण पत्र
सरकार ने नागरिकों को सुविधा देते हुए जन्म प्रमाण पत्र की आयु सीमा हटा दी है, यानी अब कोई भी व्यक्ति, चाहे उसकी उम्र जो भी हो, बाद में भी जन्म प्रमाण पत्र बनवा सकता है। इससे उन लोगों को राहत मिलेगी जिनके पास बचपन में यह दस्तावेज नहीं बना था।

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