Edited By Anu Malhotra,Updated: 15 Dec, 2025 01:29 PM

जहां एक ओर सरकारी नौकरी करने वाले कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद की आमदनी को लेकर निश्चिंत रहते हैं, वहीं प्राइवेट सेक्टर में काम करने वालों के मन में बुढ़ापे की आर्थिक सुरक्षा सबसे बड़ा सवाल बनी रहती है। अगर आप 2030 में रिटायर होने की तैयारी कर रहे हैं...
नेशनल डेस्क: जहां एक ओर सरकारी नौकरी करने वाले कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद की आमदनी को लेकर निश्चिंत रहते हैं, वहीं प्राइवेट सेक्टर में काम करने वालों के मन में बुढ़ापे की आर्थिक सुरक्षा सबसे बड़ा सवाल बनी रहती है। अगर आप 2030 में रिटायर होने की तैयारी कर रहे हैं और आपकी सैलरी से हर महीने PF कटता है, तो यह जानना आपके लिए बेहद जरूरी है कि EPFO की पेंशन स्कीम के तहत आपको रिटायरमेंट के बाद हर महीने कितनी पेंशन मिल सकती है। सही जानकारी और सही कैलकुलेशन से आप अभी से अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग को मजबूत बना सकते हैं।
सैलरी से कटने वाला पैसा कैसे बनता है पेंशन?
हर महीने आपकी सैलरी से जो PF कटता है, उसका एक हिस्सा आपके EPF अकाउंट में जाता है और एक हिस्सा नियोक्ता (कंपनी) की ओर से जमा किया जाता है। कंपनी के योगदान का बड़ा भाग EPS यानी कर्मचारी पेंशन योजना में चला जाता है। यही रकम आगे चलकर आपको मासिक पेंशन के रूप में मिलती है।
हालांकि, पेंशन पाने के लिए कुछ शर्तें जरूरी हैं:
-
कम से कम 10 साल की पेंशन योग्य नौकरी
-
आमतौर पर 58 साल की उम्र में पूरी पेंशन
-
चाहें तो 50 साल की उम्र से कम पेंशन (Reduced Pension) भी ली जा सकती है
पेंशन कैलकुलेशन का आसान फॉर्मूला
पेंशन की गणना सुनने में भले मुश्किल लगे, लेकिन असल में यह काफी सीधी है। EPFO द्वारा तय फॉर्मूला इस प्रकार है:
(पेंशन योग्य सैलरी × कुल नौकरी के साल) ÷ 70
यहां ध्यान देने वाली अहम बात:
-
पेंशन के लिए अधिकतम सैलरी ₹15,000 (Basic + DA) ही मानी जाती है
-
आपकी सैलरी इससे ज्यादा हो, तब भी कैलकुलेशन 15,000 पर ही होगा
-
नौकरी के साल वही माने जाएंगे जिनमें EPS में योगदान हुआ हो
2030 में रिटायरमेंट पर कितनी बनेगी पेंशन?
अब इसे एक उदाहरण से समझते हैं। मान लीजिए एक कर्मचारी जो साल 2030 में रिटायर होने वाले हैं और तब तक उनकी कुल नौकरी 25 साल की हो चुकी है।
पेंशन कैलकुलेशन:
15,000 × 25 ÷ 70 = ₹5,357 (लगभग)
यानी रिटायरमेंट के बाद कन्हैया को हर महीने करीब ₹5,357 पेंशन मिलेगी।
उम्र का पेंशन पर असर भी समझें
-
अगर कन्हैया 58 साल से पहले (50 साल की उम्र से) पेंशन लेते हैं, तो हर साल 4% कटौती होगी
-
अगर वे पेंशन को 60 साल तक टालते हैं, तो उन्हें ज्यादा पेंशन मिलेगी
यानी पेंशन की रकम उम्र के साथ घट-बढ़ सकती है।