New Secretariat in Delhi: CM रेखा गुप्ता का बड़ा फैसला: दिल्ली में अब मंत्री और मुख्यमंत्री होंगे पास-पास

Edited By Updated: 09 Oct, 2025 12:01 PM

cm rekha gupta s new idea combined offices of ministers and the chief minister

दिल्ली सरकार अब अपने सभी विभागों को एक ही स्थान पर लाने की बड़ी तैयारी में है। लोक निर्माण विभाग (PWD) ने राजधानी में एक भव्य और आधुनिक सचिवालय कॉम्प्लेक्स बनाने की योजना तैयार की है। विभाग ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए छह संभावित जगहों का चयन...

नेशनल डेस्क। दिल्ली सरकार अब अपने सभी विभागों को एक ही स्थान पर लाने की बड़ी तैयारी में है। लोक निर्माण विभाग (PWD) ने राजधानी में एक भव्य और आधुनिक सचिवालय कॉम्प्लेक्स बनाने की योजना तैयार की है। विभाग ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए छह संभावित जगहों का चयन किया है जिसे जल्द ही मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की मंजूरी मिलने के बाद अंतिम रूप दिया जाएगा।

नया सचिवालय क्यों है जरूरी?

वर्तमान में ITO स्थित 'प्लेयर्स बिल्डिंग' दिल्ली के सचिवालय के रूप में काम कर रही है जो अब प्रशासनिक जरूरतों के मुकाबले छोटी पड़ रही है। यह परिसर लगभग चार एकड़ में फैला है जिसमें मुख्यमंत्री कार्यालय, शहरी विकास, वित्त और पीडब्ल्यूडी जैसे कुछ ही प्रमुख विभाग कार्यरत हैं। राजधानी के कई अन्य विभाग किराए के दफ्तरों में या शहर के अलग-अलग हिस्सों में बिखरे हुए हैं जिससे समन्वय (Coordination) और कार्यकुशलता (Efficiency) में काफी दिक्कत आती है। PWD अधिकारियों का कहना है कि नए सचिवालय का उद्देश्य सभी विभागों को एक जगह लाकर सरकारी कामकाज में तेजी लाना और जनता को सेवाएं समय पर उपलब्ध कराना है।

ये हैं छह संभावित जगहें, गुलाबी बाग सबसे आगे

PWD ने जमीन की उपलब्धता, कनेक्टिविटी और मालिकाना हक के आधार पर छह प्रमुख सरकारी जगहों का चयन किया है। ये सभी जगहें सरकारी जमीन पर हैं जिससे निर्माण प्रक्रिया आसान होगी।

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संभावित जगह            क्षेत्रफल (लगभग)         मुख्य विशेषताएँ

गुलाबी बाग                 80 एकड़                   रिंग रोड और मेट्रो कॉरिडोर के पास। पुराने जर्जर सरकारी आवासों का पुनर्विकास किया जा सकता है। इसे सबसे उपयुक्त माना जा रहा है।

खैबर पास                  40 एकड़                    सिविल लाइन्स और दिल्ली विधानसभा के करीब। हाल ही में अनधिकृत कॉलोनी हटाने से खाली हुई। पर्यावरणीय मंजूरी की आवश्यकता हो सकती है।

राजघाट पावर प्लांट     45 एकड़                   यमुना किनारे, रिंग रोड के पास। 2015 में बंद हुआ कोयला आधारित प्लांट। बेहतर कनेक्टिविटी है लेकिन पर्यावरणीय मंजूरी एक अवरोध है।

IPGCL                     30 एकड़                    सेंट्रल दिल्ली में स्थित बंद हो चुका गैस-आधारित बिजलीघर। मेट्रो कनेक्टिविटी के लिहाज़ से सुविधाजनक।

आईटीओ बस डिपो     17.5 एकड़                मौजूदा सचिवालय के ठीक बगल में। यह जगह (10 एकड़ डिपो, 2.5 एकड़ स्कूल, 5 एकड़ खाली जमीन) शिफ्टिंग और निर्माण के लिए सबसे सुविधाजनक है।

ट्विन टावर्स कॉम्प्लेक्स    22 एकड़                  ITO पर विकास मीनार और DUSIB/DDA दफ्तरों का वर्टिकल रिडेवलपमेंट। बस डिपो की जमीन से जोड़ने पर विशाल कॉम्प्लेक्स बन सकता है।

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