Edited By Radhika,Updated: 08 Nov, 2025 06:31 PM

संसद में 1 दिसंबर से लेकर 19 दिसंबर तक मानसून सत्र का ऐलान कर दिया गया है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने एक्स (X) पर घोषणा की है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सत्र को 1 दिसंबर से 19 दिसंबर 2025 तक बुलाने की मंज़ूरी दे दी है।
नेशनल डेस्क: संसद में 1 दिसंबर से लेकर 19 दिसंबर तक मानसून सत्र का ऐलान कर दिया गया है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने एक्स (X) पर घोषणा की है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सत्र को 1 दिसंबर से 19 दिसंबर 2025 तक बुलाने की मंज़ूरी दे दी है। रिजिजू ने आशा व्यक्त की है कि यह सत्र रचनात्मक और सार्थक होगा, जिससे लोकतंत्र मज़बूत होगा और जनता की उम्मीदें पूरी होंगी। इस सत्र के ऐलान के बाद बहस छिड़ गई है।
कांग्रेस ने सत्र की टाइमिंग और अवधि पर उठाए सवाल
सत्र की तारीखों और उसकी अवधि पर कांग्रेस पार्टी ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने नाराज़गी जताते हुए सरकार पर हमला बोला है। रमेश ने कहा कि सामान्यत शीतकालीन सत्र 20 से 23 नवंबर के बीच शुरू होता है और 3 से 4 सप्ताह तक चलता है। उन्होंने सवाल उठाया कि इस बार सत्र को 1 दिसंबर से शुरू करके केवल 15 दिनों का क्यों रखा गया है? जयराम रमेश ने आशंका जताई कि सरकार शायद दिल्ली के बढ़ते प्रदूषण या महत्वपूर्ण बिलों/चर्चाओं की कमी के कारण सत्र को छोटा कर रही है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि कहीं यह कदम जल्द लोकसभा चुनाव की घोषणा का संकेत तो नहीं है।

पिछले मानसून सत्र का हाल
पिछला मॉनसून सत्र (21 जुलाई से 21 अगस्त) भी काफी हंगामेदार रहा था। विपक्ष के लगातार विरोध के कारण यह सत्र अपने निर्धारित समय से एक दिन पहले ही समाप्त हो गया था। मॉनसून सत्र में लोकसभा की उत्पादकता लगभग 31% और राज्यसभा की उत्पादकता करीब 39% दर्ज की गई, जो काफी कम थी। विपक्ष बिहार में वोटर लिस्ट के SIR पर चर्चा की मांग कर रहा था, जिसके चलते सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई। हंगामे के बावजूद, लोकसभा में 14 बिल पेश किए गए, जिनमें से कुल 15 बिलों को दोनों सदनों से मंजूरी मिली थी। सत्र के दौरान भारत की सफल आतंकवाद-रोधी कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर भी विशेष चर्चा आयोजित की गई थी, जो पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में की गई थी।