क्या अब देश में रह जाएंगे सिर्फ 4 सरकारी बैंक, सरकार का क्या है मर्जर प्लान?

Edited By Updated: 01 Dec, 2025 04:32 PM

india psb bank merger sbi pnb bob

केंद्र सरकार के पब्लिक सेक्टर बैंक मर्जर प्लान में बड़ा अपडेट सामने आया है। योजना के तहत वित्त वर्ष 2027 तक सरकारी बैंकों की संख्या 12 से घटाकर चार करने का प्रस्ताव है। इसमें SBI, PNB, बैंक ऑफ बड़ौदा और केनरा-यूनियन बैंक शामिल होंगे। योजना का...

नेशनल डेस्क : केंद्र सरकार के पब्लिक सेक्टर बैंक (PSB) कंसोलिडेशन प्लान पर बड़ा अपडेट सामने आया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सरकार एक महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रही है, जिसके तहत वित्त वर्ष 2027 तक सरकारी बैंकों की संख्या वर्तमान 12 से घटाकर मात्र चार रह जाएगी। इस संभावित योजना में भारतीय स्टेट बैंक (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB), बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) और केनरा-यूनियन बैंक को शामिल किया जा सकता है।

सूत्रों ने मनीकंट्रोल को बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य सरकारी बैंकों की बैलेंस शीट को मजबूत करना, ऑपरेशनल कैपेसिटी में सुधार लाना और उन्हें ग्लोबल स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक बनाना है। योजना के तहत पहले छोटे बैंकों का बड़े बैंकों में विलय किया जाएगा और बाद में उन्हें कंसोलिडेट करके चार बड़ी यूनिट्स बनाई जाएंगी, जो भारत की आर्थिक वृद्धि और बढ़ती लोन डिमांड को पूरा करने में सक्षम होंगी।

केनरा-यूनियन बैंक का विलय
सूत्रों के अनुसार, सरकार केनरा बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के विलय की दिशा में सक्रिय है। इस मर्जर से चार मुख्य सरकारी बैंकों में से एक की रचना होने की संभावना है। इसके अलावा इंडियन बैंक और यूको बैंक को भी इसी संरचना में इंटीग्रेट करने पर विचार किया जा रहा है, जिससे एक और बड़ा बैंक बनेगा।

मिड-साइज बैंकों का मर्जर
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि मिड-साइज बैंक जैसे इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (CBI), बैंक ऑफ इंडिया (BoI) और बैंक ऑफ महाराष्ट्र (BoM) को SBI, PNB या बैंक ऑफ बड़ौदा में मर्ज किए जाने की उम्मीद है। पंजाब एंड सिंध बैंक के मामले पर अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। सूत्रों ने बताया कि अंतिम रूपरेखा के अनुसार, इसका भी चार बड़े बैंकों में से किसी एक में विलय किया जा सकता है।

कई स्तर की जांच और अनुमोदन प्रक्रिया
इस मर्जर प्लान को पहले वित्त मंत्री के समक्ष अनुमोदन के लिए रखा जाएगा। मंजूरी मिलने के बाद यह योजना कई स्तर की जांच से गुजरेगी, जिसमें कैबिनेट सचिवालय, प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) की नियामक टिप्पणियां शामिल हैं। इस दौरान योजना की विस्तृत रिकॉर्डिंग और चरणबद्ध कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।

कंसोलिडेशन से बैंकिंग सेक्टर को मिलेगा लाभ
सरकार का मानना है कि इस पुनर्गठन से भारत के हाई ग्रोथ टारगेट को देखते हुए बैंकिंग सेक्टर बढ़ती लोन डिमांड के लिए तैयार रहेगा। बड़े और मजबूत सरकारी बैंक बड़े लोन देने, इंफ्रा प्रोजेक्ट्स को फाइनेंस करने और निजी बैंकों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होंगे। अधिकारियों के अनुसार, कंसोलिडेशन से ब्रांच नेटवर्क को युक्तिसंगत बनाने, कॉस्ट घटाने और पूरे सिस्टम में कैपिटल उपयोग में सुधार भी संभव होगा।

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!