‘Flesh’ ने मचाया धमाल: डेविड स्जेले को मिला 2025 का बुकर पुरस्कार, भारतवंशी किरण देसाई को पछाड़ बने विजेता

Edited By Updated: 11 Nov, 2025 04:52 PM

david szalay wins booker prize for his novel flesh

हंगरी-ब्रिटिश लेखक डेविड स्जेले ने अपने उपन्यास ‘फ्लेश’ के लिए 2025 का बुकर पुरस्कार जीता। उन्होंने भारतीय मूल की लेखिका किरण देसाई को पीछे छोड़ा। यह उपन्यास एक ऐसे व्यक्ति की भावनात्मक यात्रा है जिसकी जिंदगी नियंत्रण से बाहर चली जाती है। स्जेले को...

London: हंगरी-ब्रिटिश लेखक डेविड स्जेले( David Szalay)  को उनके उपन्यास ‘फ्लेश' (Flesh) के लिए बुकर पुरस्कार 2025( Booker Prize 2025)का विजेता घोषित किया गया। स्जेले ने भारतीय मूल की लेखिका किरण देसाई(Kiran Desai) के उपन्यास ‘द लोनलीनेस ऑफ सोनिया एंड सनी' को पीछे छोड़ते हुए यह सम्मान सोमवार रात लंदन में आयोजित एक समारोह में जीता। स्जेले (51) को एक ट्रॉफी और 50,000 पाउंड की नकद राशि पिछले वर्ष की बुकर पुरस्कार विजेता सामंथा हार्वे द्वारा प्रदान की गई। उनका यह उपन्यास भावनात्मक रूप से अलग-थलग पड़े एक व्यक्ति की कहानी है, जिसकी जिंदगी उसके काबू से बाहर हो चुकी घटनाओं के कारण बिखर जाती है।

 

बुकर पुरस्कार की जूरी ने कहा, ‘‘सरल लेकिन सशक्त भाषा का प्रयोग करते हुए यह रोमांचक और प्रभावशाली पुस्तक एक व्यक्ति के जीवन का अत्यंत संवेदनशील चित्रण प्रस्तुत करती है।” किरण देसाई दूसरी बार यह प्रतिष्ठित सम्मान हासिल करने से चूक गयी हैं। बुकर पुरस्कार के 56 साल के इतिहास में केवल पांच बार ऐसा हुआ है जब एक ही व्यक्ति ने दो बार यह पुरस्कार जीता है। देसाई ने 2006 में ‘द इनहेरिटेंस ऑफ लॉस' के लिए यह प्रतिष्ठित साहित्यिक सम्मान जीता था। देसाई ने अपने नए उपन्यास के बारे में कहा, ‘‘मैंने एक ऐसी किताब लिखनी चाही जो वैश्विक एकाकीपन को एक अधूरी प्रेम कहानी के माध्यम से दर्शाए। मैं वर्तमान समय की एक ऐसी प्रेम कहानी लिखना चाहती थी जिसमें पुराने जमाने की खूबसूरती हो।''

 

उन्होंने कहा, ‘‘पहले के दौर में भारत की प्रेम कहानियां आमतौर पर एक ही समुदाय, वर्ग, धर्म और स्थान तक सीमित होती थीं लेकिन आज की वैश्वीकृत दुनिया में प्रेम कहानियां कई दिशाओं में फैल सकती हैं।'' जूरी ने 667 पृष्ठों वाले ‘द लोनलीनेस ऑफ सोनिया एंड सनी' को ‘‘प्रेम और परिवार, भारत और अमेरिका, परंपरा और आधुनिकता का महाकाव्य'' बताया, जो दो भारतीय युवाओं सोनिया और सनी के इर्द-गिर्द घूमती है।

 

आयरलैंड के उपन्यासकार एवं बुकर पुरस्कार 2025 की जूरी के अध्यक्ष रॉडी डॉयले ने कहा, ‘‘हमें ‘फ्लेश' के बारे में जो सबसे ज़्यादा पसंद आया, वह उसकी अद्वितीयता है। यह किसी भी अन्य किताब जैसी नहीं है। यह एक गंभीर किताब है, जिसे पढ़ने में हम सभी को आनंद आया।'' इस प्रतिष्ठित पुरस्कार की दौड़ में शामिल अन्य कृतियों में अमेरिकी-कोरियाई लेखिका सुज़ैन चोई की ‘फ़्लैशलाइट', अमेरिकी-जापानी लेखिका केटी कितामुरा की ‘ऑडिशन', ब्रिटिश-अमेरिकी बेन मार्कोविट्स की ‘द रेस्ट ऑफ़ अवर लाइव्स' और अंग्रेज़ी उपन्यासकार एंड्रयू मिलर की ‘द लैंड इन विंटर' शामिल थीं। पुरस्कार के लिए चयनित किए गए सभी छह लेखकों को 2,500 पाउंड मिलेंगे। 

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