Edited By Mansa Devi,Updated: 23 Oct, 2025 11:01 AM

दिवाली के त्योहार के बाद दिल्ली-NCR की हवा फिर से गंभीर रूप से प्रदूषित हो गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और दिल्ली सरकार के आंकड़ों के अनुसार 21 अक्टूबर को राजधानी का औसत एयर Quality इंडेक्स (AQI) 351 दर्ज किया गया, जो “बहुत खराब”...
नेशनल डेस्क: दिवाली के त्योहार के बाद दिल्ली-NCR की हवा फिर से गंभीर रूप से प्रदूषित हो गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और दिल्ली सरकार के आंकड़ों के अनुसार 21 अक्टूबर को राजधानी का औसत एयर Quality इंडेक्स (AQI) 351 दर्ज किया गया, जो “बहुत खराब” श्रेणी में आता है। इस स्तर पर ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का दूसरा चरण सक्रिय हो गया है।
GRAP क्या है?
GRAP दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए बनाया गया चार-स्तरीय आपात प्रबंधन योजना है। AQI के अनुसार, नियम और प्रतिबंधों की तीव्रता बढ़ती है ताकि प्रदूषण को कम किया जा सके और लोगों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखा जा सके।
GRAP के चार चरण
➤ स्टेज 1 (Poor AQI 201-300): 10 साल से पुरानी डीजल और 15 साल से पुरानी पेट्रोल गाड़ियों पर रोक। पकड़े जाने पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना और वाहन जब्त किया जा सकता है।
➤ स्टेज 2 (Very Poor AQI 301-400): निजी वाहनों पर सख्ती। पार्किंग शुल्क बढ़ता है, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बढ़ाया जाता है और ट्रैफिक सिग्नल का बेहतर समन्वय किया जाता है।
➤ स्टेज 3 (Severe AQI 401-450): BS3 पेट्रोल और BS4 डीजल वाहनों पर पूरी तरह प्रतिबंध। यह नियम दिल्ली के अलावा NCR के शहरों जैसे गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा और गाजियाबाद में भी लागू होता है। इस दौरान केवल इलेक्ट्रिक, CNG या BS6 डीजल वाहन ही सड़क पर चल सकते हैं।
➤ स्टेज 4 (Severe Plus AQI >450): सबसे सख्त चरण। निजी BS3 और BS4 वाहन पहले से प्रतिबंधित, अब मध्यम और भारी श्रेणी के डीजल वाहनों पर भी रोक। सिर्फ आवश्यक सामान ले जाने वाले इलेक्ट्रिक, CNG या LNG वाहन ही अनुमति प्राप्त।
कौन से वाहन चल सकते हैं?
GRAP के सभी चरणों में BS6 मानक वाले निजी वाहन, इलेक्ट्रिक वाहन और CNG वाहन चलाने की अनुमति है। वाहन मालिकों को वैध पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) प्रमाणपत्र रखना अनिवार्य है, अन्यथा जुर्माना लागू होगा।
क्या करना चाहिए वाहन मालिकों को?
दिवाली के बाद दिल्ली की हवा हर साल जहरीली हो जाती है। इसे नियंत्रित करने में केवल सरकारी प्रयास पर्याप्त नहीं हैं। पुराने वाहनों का उपयोग कम करना, पब्लिक ट्रांसपोर्ट अपनाना और इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ना जरूरी है। तभी राजधानी की हवा फिर से सांस लेने योग्य बन सकेगी।