lung diseases : जहरीली हवा फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रही है? सरकार ने संसद में दिया चौंकाने वाला जवाब

Edited By Updated: 19 Dec, 2025 02:07 PM

delhi government  high levels air quality index aqi lung diseases

सरकार ने कहा कि ऐसे ठोस आंकड़े नहीं हैं जिनसे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के उच्च स्तर और फेफड़ों की बीमारियों के बीच सीधा संबंध स्थापित हो सके। राज्यसभा में बृहस्पतिवार को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में पर्यावरण राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने...

 

नेशनल डेस्क: सरकार ने कहा कि ऐसे ठोस आंकड़े नहीं हैं जिनसे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के उच्च स्तर और फेफड़ों की बीमारियों के बीच सीधा संबंध स्थापित हो सके। राज्यसभा में बृहस्पतिवार को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में पर्यावरण राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने हालांकि यह स्वीकार किया कि वायु प्रदूषण श्वसन संबंधी रोगों और उनसे जुड़ी बीमारियों को बढ़ाने वाले कारकों में से एक है। सिंह ने भाजपा सदस्य लक्ष्मीकांत बाजपेयी के प्रश्न के लिखित उत्तर में यह बात कही। बाजपेयी ने पूछा था कि क्या सरकार को इस बात की जानकारी है कि अध्ययनों और चिकित्सीय परीक्षणों से यह पुष्टि हुई है कि दिल्ली-एनसीआर में खतरनाक एक्यूआई स्तर के लंबे समय तक संपर्क में रहने से फेफड़ों में फाइब्रोसिस हो रहा है, जिससे फेफड़ों की क्षमता में अपरिवर्तनीय कमी आती है।

बाजपेयी ने यह भी जानना चाहा था कि क्या दिल्ली-एनसीआर के नागरिकों में फेफड़ों की लोच (इलास्टिसिटी) अच्छे एक्यूआई वाले शहरों में रहने वाले लोगों की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत तक कम हो गई है। भाजपा सांसद ने आगे पूछा कि क्या सरकार के पास दिल्ली-एनसीआर के लाखों निवासियों को पल्मोनरी फाइब्रोसिस, सीओपीडी, एम्फीसेमा, फेफड़ों की घटती कार्यक्षमता और लगातार कम होती फेफड़ों की लोच जैसी घातक बीमारियों से बचाने के लिए कोई “समाधान” है। अपने उत्तर में मंत्री ने कहा कि वायु प्रदूषण के क्षेत्र में कार्यक्रम प्रबंधकों, चिकित्सा अधिकारियों और नर्सों, नोडल अधिकारियों, आशा जैसी अग्रिम पंक्ति की कार्यकर्ताओं, महिलाओं और बच्चों सहित संवेदनशील समूहों तथा यातायात पुलिस और नगर निगम कर्मियों जैसे व्यावसायिक रूप से प्रभावित समूहों के लिए समर्पित प्रशिक्षण मॉड्यूल विकसित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि वायु प्रदूषण से जुड़ी बीमारियों को लक्षित करते हुए सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) सामग्री अंग्रेजी, हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं में तैयार की गई है।

सिंह ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य पर राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीसीसीएचएच) ने भी विभिन्न संवेदनशील समूहों के लिए अनुकूलित आईईसी सामग्री विकसित की है। उन्होंने यह भी कहा कि वायु प्रदूषण के लिए प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियां और अलर्ट, साथ ही वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा राज्यों और शहरों को प्रसारित किए जाते हैं, ताकि स्वास्थ्य क्षेत्र और समुदायों, विशेषकर संवेदनशील आबादी को तैयारी में मदद मिल सके। मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का उद्देश्य तरलीकृत पेट्रोलियम गैस के रूप में स्वच्छ रसोई ईंधन उपलब्ध कराकर महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य की रक्षा करना है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहरों, कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों, मार्गों और बुनियादी ढांचे की सफाई की जाती है और इसमें “स्वच्छ हवा” एक अभिन्न घटक है। 

 

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!