Pregnancy In Moonlight: चांद की रोशनी में सोने से प्रेग्नेंट हो जाती थीं महिलाएं? जानें किस देश में थी यह अजीबोगरीब मान्यता

Edited By Updated: 28 Sep, 2025 11:48 AM

did women get pregnant by sleeping in the moonlight

दुनिया में एक समय ऐसा भी था जब लोग मानते थे कि महिलाओं के चांद की रोशनी में सोने से वे गर्भवती हो सकती हैं। गर्भधारण से बचने के लिए महिलाओं को ऐसा करने से रोका जाता था। यह अनोखी और रहस्यमय मान्यता उत्तरी ध्रुव के करीब स्थित देश ग्रीनलैंड के...

नेशनल डेस्क। दुनिया में एक समय ऐसा भी था जब लोग मानते थे कि महिलाओं के चांद की रोशनी में सोने से वे गर्भवती हो सकती हैं। गर्भधारण से बचने के लिए महिलाओं को ऐसा करने से रोका जाता था। यह अनोखी और रहस्यमय मान्यता उत्तरी ध्रुव के करीब स्थित देश ग्रीनलैंड के निवासियों में प्रचलित थी।

ग्रीनलैंड के लोग ऐसा क्यों मानते थे?

ग्रीनलैंड के प्राचीन लोग जिन्हें इनुइट (Inuit) माना जाता था उनके लिए चंद्रमा केवल एक खगोलीय पिंड नहीं बल्कि एक शक्तिशाली देवता था।

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1. उर्वरता और पुरुष जनन शक्ति का प्रतीक

ग्रीनलैंड के लोग चंद्रमा को अनींगन या अनीरक नामक पुरुष देवता मानते थे। उनका मानना था कि चांद की चांदनी में एक उर्वरता शक्ति है। चांद के नीचे सोने से महिलाएं सीधे इस शक्ति के संपर्क में आ जाती थीं जिससे गर्भधारण हो सकता था। यह मान्यता 'सीधे संपर्क' के सिद्धांत पर आधारित थी। जिस तरह फसल के लिए सूरज और बारिश जरूरी है उसी तरह मानव प्रजनन के लिए चांद की रोशनी को दैवीय शक्ति माना जाता था।

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2. चंद्र और मासिक धर्म चक्र का संबंध

प्राचीन इनुइट लोगों को प्रकृति के चक्रों का गहरा ज्ञान था। उन्होंने देखा कि महिलाओं का मासिक धर्म चक्र (लगभग 28 दिन) और चंद्र चक्र (29.5 दिन) लगभग एक जैसे होते हैं। इस समानता ने चंद्रमा और स्त्री के प्रजनन के बीच एक सीधा आध्यात्मिक संबंध स्थापित कर दिया। गर्भ से बचने के लिए महिलाएं चांद की ओर पीठ करके सोती थीं और यहां तक कि अपनी नाभि पर थूक भी लगा लेती थीं।

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3. बच्चों पर बुरा असर और 'अनियंत्रित शक्ति' का डर

ग्रीनलैंड में यह भी माना जाता था कि गर्भवती महिलाओं को चांदनी के नीचे नहीं सोना चाहिए क्योंकि इससे बच्चे में जन्मदोष आ सकता है या बच्चा चंद्रमा द्वारा चुराया जा सकता है। यह दर्शाता है कि चंद्रमा की शक्ति को लाभदायक होने के साथ-साथ हानिकारक भी माना जाता था।

चांद और सूरज की पौराणिक कथा

ग्रीनलैंड की पौराणिक कथाओं में चांद (अनींगन) और सूरज (मलिना) की उत्पत्ति की भी एक कहानी है जो उनके बीच तनाव और निषेध को दर्शाती है:

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भाई-बहन की कहानी: अनींगन (चंद्रमा) और मलिना (सूरज) को कुछ कथाओं में भाई-बहन (या पति-पत्नी) माना जाता था। एक बार अंधेरे में अनींगन ने अपनी बहन मलिना के साथ छेड़छाड़ या हमला किया।

पहचान और पलायन: मलिना ने अंधेरे में हमलावर के चेहरे पर कालिख लगे हाथों से छूकर उसे चिह्नित कर दिया। प्रकाश होने पर उसने देखा कि वह चेहरा उसके भाई अनींगन का था।

बन गए चांद-सूरज: शर्मिंदा और क्रोधित होकर मलिना आकाश में भाग गई और सूरज बन गई। अपने अपराधबोध में अनींगन उसके पीछे भागा और चंद्रमा बन गया।

यह कहानी चंद्रमा की शक्ति को उर्वरता से जोड़ती है लेकिन साथ ही यह भी बताती है कि इस शक्ति के साथ खिलवाड़ खतरनाक हो सकता है। इसीलिए गर्भवती महिलाओं को चांदनी से दूर रहने को कहा जाता था ताकि यह 'अनियंत्रित' शक्ति अजन्मे बच्चे को नुकसान न पहुंचाए।

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