Edited By Sahil Kumar,Updated: 12 Dec, 2025 07:42 PM

मध्य प्रदेश में नए साल 2026 से बिजली महंगी हो सकती है। बिजली कंपनियों ने नियामक आयोग के सामने टैरिफ में 10% तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा है। लाइन लॉस, महंगी उत्पादन लागत और वित्तीय दबाव को इसके कारण बताया गया है। आयोग 15 दिसंबर के आसपास जन सुनवाई...
नेशनल डेस्कः नए साल 2026 की शुरुआत मध्य प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के लिए महंगी साबित हो सकती है। प्रदेश की बिजली उत्पादन कंपनियों ने बिजली दरों में करीब 10 फीसदी तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के समक्ष पेश किया है। इस प्रस्ताव पर निर्णय लेने से पहले आयोग द्वारा जन सुनवाई आयोजित की जाएगी, जिसकी प्रक्रिया शुरू होते ही उपभोक्ताओं में चिंता बढ़ गई है।
10% तक बढ़ोतरी
प्रस्ताव में कंपनियों ने स्पष्ट किया है कि लाइन लॉस, महंगी बिजली उत्पादन लागत और वित्तीय दबाव के चलते टैरिफ में संशोधन अनिवार्य हो गया है। कंपनियों का कहना है कि वर्तमान टैरिफ से खर्च की भरपाई मुश्किल होती जा रही है, इसलिए दरों में 10% तक बढ़ोतरी जरूरी है। हालांकि अंतिम निर्णय आयोग जन सुनवाई के बाद ही लेगा। सूत्रों के मुताबिक आयोग प्रस्तावित वृद्धि पर गंभीरता से विचार कर रहा है और प्रारंभिक समीक्षा के बाद आम जनता से आपत्तियाँ आमंत्रित की जाएंगी।
15 दिसंबर को पहली जन सुनवाई
जानकारी के अनुसार, 15 दिसंबर के आसपास पहली जन सुनवाई आयोजित की जा सकती है, हालांकि आयोग ने औपचारिक तारीख की घोषणा अभी नहीं की है। प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो नए टैरिफ अगले वित्तीय वर्ष की शुरुआत से लागू किए जा सकते हैं। उपभोक्ता इस साल अप्रैल से ही बढ़े हुए टैरिफ का भुगतान कर रहे हैं। पिछले वर्ष कंपनियों ने 7.52% बढ़ोतरी की मांग की थी, लेकिन आयोग ने केवल 3.46% की वृद्धि को ही मंजूरी दी थी, जिससे घरेलू, गैर-घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार बढ़ा था।
इस बार राहत मिलना मुश्किल
हाल के वर्षों में चुनावी परिस्थितियों के कारण उपभोक्ताओं को टैरिफ बढ़ोतरी से कुछ हद तक राहत मिलती रही है। 2023 के विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान आयोग ने कंपनियों की मांग से काफी कम वृद्धि को मंजूरी दी थी। मगर इस बार परिस्थितियां अलग हैं। सहकारिता चुनाव प्रस्तावित होने के बावजूद सूत्रों का मानना है कि इस बार बड़ी राहत की उम्मीद कम है।