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भारत में एक नहीं, 3 बार लगी इमरजेंसी! जानिए कब-कब थमा देश का संविधान और कब कब छाया अंधेरा?

Edited By Rohini Oberoi,Updated: 25 Jun, 2025 04:56 PM

emergency was imposed not once but three times in india

आज से 50 साल पहले 25 जून 1975 को भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक ऐसा दिन दर्ज हुआ जिसे 'काला अध्याय' कहा जाता है। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल की सिफारिश पर तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने देश में आपातकाल (इमरजेंसी)...

नेशनल डेस्क। आज से 50 साल पहले 25 जून 1975 को भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक ऐसा दिन दर्ज हुआ जिसे 'काला अध्याय' कहा जाता है। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल की सिफारिश पर तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने देश में आपातकाल (इमरजेंसी) लगा दिया था। उस दौरान लोगों से उनके मौलिक अधिकार छीन लिए गए, प्रेस पर कड़ी सेंसरशिप लगाई गई और सैकड़ों विरोधी नेताओं को बिना किसी मुकदमे के जेल में डाल दिया गया। सरल शब्दों में कहें तो न्यायपालिका से लेकर नौकरशाही तक सब सत्ता की मुट्ठी में कैद हो गए थे।

हालांकि यह पहली बार नहीं था जब देश में आपातकाल लगा हो। 1975 में यह तीसरी बार था जब भारत में आपातकाल लागू किया गया। ऐसे में सवाल उठता है कि पहले दो बार आपातकाल कब और क्यों लगाए गए थे? आइए जानते हैं भारत में लगे तीनों आपातकालों के बारे में विस्तार से।

क्या होता है आपातकाल?

भारत के संविधान के अनुच्छेद 352 के अनुसार सरकार की अनुशंसा पर राष्ट्रपति के पास देश में आपातकाल लगाने का अधिकार है। इसके लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले मंत्रिमंडल की लिखित सिफारिश की आवश्यकता होती है। एक बार आपातकाल लागू होने के बाद लोगों को मिलने वाले मौलिक अधिकार अस्थायी रूप से खत्म हो जाते हैं।

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आपातकाल लगाने के लिए कुछ विशेष परिस्थितियाँ निर्धारित हैं:

  • यदि पूरे देश या किसी राज्य में अकाल पड़ जाए।
  • कोई दूसरा देश उस देश पर हमला कर दे (बाहरी आक्रमण)।
  • देश या राज्य के अंदर अव्यवस्था या प्रशासनिक अस्थिरता होने पर।

इन परिस्थितियों में उस क्षेत्र की सभी राजनीतिक और प्रशासनिक शक्तियाँ राष्ट्रपति के पास आ जाती हैं।

देश में अब तक कितनी बार लग चुका है आपातकाल?

भारत में अब तक कुल तीन बार आपातकाल लग चुका है:

1. पहला आपातकाल (1962-1968):

  • कब: 26 अक्टूबर 1962 से लेकर 10 जनवरी 1968 तक।
  • कारण: यह आपातकाल चीन के साथ चल रहे युद्ध के दौरान लगाया गया था। उस समय 'भारत की सुरक्षा' को 'बाहरी आक्रमण से खतरा' घोषित किया गया था।
  • प्रधानमंत्री: जवाहर लाल नेहरू।

 

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2. दूसरा आपातकाल (1971):

  • कब: 3 दिसंबर 1971 से 17 दिसंबर 1971 के बीच।
  • कारण: इस दौरान भारत और पाकिस्तान का युद्ध चल रहा था। देश की सुरक्षा को खतरा बताते हुए इस आपातकाल को भी लगाया गया था ठीक उसी तरह जैसे 1962 में बाहरी आक्रमण के खतरे को देखते हुए लगाया गया था।
  • राष्ट्रपति: वी.वी. गिरि।

 

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3. तीसरा आपातकाल (1975-1977):

  • कब: 25 जून 1975 से लागू होकर 21 मार्च 1977 तक।
  • कारण: यह आपातकाल प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समय आंतरिक अस्थिरता का हवाला देकर लागू किया गया था। विपक्ष इस आपातकाल को लेकर लगातार सवाल उठाता रहा है। इस आपातकाल के पीछे इलाहाबाद हाईकोर्ट का वह फैसला बताया जाता है जिसमें इंदिरा गांधी के रायबरेली से निर्वाचन को रद्द कर दिया था और अगले 6 साल तक उनके चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध भी लगा दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के इस फैसले को बरकरार रखा था। बताया जाता है कि इसके बाद इंदिरा गांधी ने यह आपातकाल लागू किया था।

ये तीनों घटनाएँ भारतीय लोकतंत्र के सफर में महत्वपूर्ण पड़ाव मानी जाती हैं खासकर 1975 का आपातकाल जिसने नागरिक अधिकारों और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर गहरा प्रभाव डाला था।

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