Edited By Pardeep,Updated: 31 Oct, 2025 12:39 AM

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के विमान की गुरुवार दोपहर को भूटान जाते समय आपात लैंडिंग (Emergency Landing) करानी पड़ी।
नेशनल डेस्कः केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के विमान की गुरुवार दोपहर को भूटान जाते समय आपात लैंडिंग (Emergency Landing) करानी पड़ी। वित्त मंत्री नई दिल्ली से भूटान की राजधानी थिम्फू के लिए रवाना हुई थीं, लेकिन रास्ते में तेज बारिश और वायुमंडलीय दबाव में अचानक आई गिरावट के कारण पायलट ने सुरक्षा के मद्देनज़र विमान को पश्चिम बंगाल के बागडोगरा हवाई अड्डे पर उतार दिया।
स्रोतों के अनुसार, यह निर्णय सावधानी और सुरक्षा मानकों के तहत लिया गया। विमान सुरक्षित लैंड हुआ और सभी यात्री पूरी तरह सुरक्षित हैं। वर्तमान में वित्त मंत्री सिलीगुड़ी में रात भर रुकेंगी और शुक्रवार सुबह मौसम सामान्य रहने पर दोबारा भूटान के लिए रवाना होंगी।
खराब मौसम बना वजह
पूर्वोत्तर भारत और हिमालयी क्षेत्रों में बीते दो दिनों से लगातार भारी वर्षा, बादल छाए रहने और कम वायुदाब (low pressure zone) की स्थिति बनी हुई है। इस कारण कई विमानों की उड़ानें या तो डायवर्ट करनी पड़ीं या रद्द करनी पड़ीं। भूटान की राजधानी थिम्फू के पारो एयरपोर्ट पर भी गुरुवार दोपहर दृश्यता बेहद कम थी, जिससे विमान लैंडिंग करना जोखिम भरा हो गया था।
भूटान यात्रा का उद्देश्य
निर्मला सीतारमण की यह यात्रा 30 अक्टूबर से 2 नवंबर 2025 तक निर्धारित थी। वह भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रही हैं। भूटान के साथ भारत के आर्थिक, वित्तीय और विकासात्मक संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए यह दौरा बेहद अहम माना जा रहा है।
मिलने वाली थीं भूटान के नरेश और प्रधानमंत्री से
इस यात्रा के दौरान सीतारमण का भूटान के राजा महामहिम जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और प्रधानमंत्री महामहिम दाशो शेरिंग तोबगे से मुलाकात का कार्यक्रम तय था। इसके अलावा, वह भूटान के वित्त मंत्री लेके दोरजी के साथ एक द्विपक्षीय वार्ता करने वाली थीं। इस बैठक में भारत-भूटान आर्थिक सहयोग,नई वित्तीय परियोजनाओं की रूपरेखा और ऊर्जा, पर्यटन, और डिजिटल भुगतान प्रणाली (UPI Integration) जैसे मुद्दों पर चर्चा की जानी थी।
ऐतिहासिक सांगचेन चोखोर मठ दौरे से शुरू होने वाली थी यात्रा
निर्मला सीतारमण को अपनी यात्रा की शुरुआत भूटान के ऐतिहासिक सांगचेन चोखोर मठ (Sangchen Chokhor Monastery) के दर्शन से करनी थी। यह मठ वर्ष 1765 में स्थापित हुआ था और आधुनिक बौद्ध अध्ययन का एक प्रमुख केंद्र है, जहां 100 से अधिक भिक्षु (Monks) अध्ययन और साधना करते हैं। मठ का दौरा भूटान की आध्यात्मिक परंपरा के सम्मान और भारत-भूटान के सांस्कृतिक संबंधों को प्रतीकात्मक रूप से मजबूत करने के लिए तय किया गया था।