तेजी से आगे बढ़ रहे किसान उत्पादक संगठन, 340 से अधिक ने पार किया 10 करोड़ का सालाना टर्नओवर

Edited By Updated: 21 Jul, 2025 04:02 PM

fpo are growing rapidly 340 have crossed annual turnover of rs 10 crore

केंद्र सरकार की वर्ष 2020-21 में शुरू की गई विशेष प्रोत्साहन योजना के तहत बनाए गए 10,000 से अधिक किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) में से अब 340 से अधिक संगठनों ने 10 करोड़ रुपए से अधिक का सालाना कारोबार दर्ज किया है। इसके अलावा, करीब 1,100 FPOs का...

नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार की वर्ष 2020-21 में शुरू की गई विशेष प्रोत्साहन योजना के तहत बनाए गए 10,000 से अधिक किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) में से अब 340 से अधिक संगठनों ने 10 करोड़ रुपए से अधिक का सालाना कारोबार दर्ज किया है। इसके अलावा, करीब 1,100 FPOs का सालाना टर्नओवर 1 करोड़ रुपए से ज्यादा है। यह जानकारी केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा साझा किए गए आंकड़ों में सामने आई है।

डिजिटल प्लेटफॉर्म बना तेजी की वजह
तेजी से आगे बढ़ने वाले कई FPOs ने सरकारी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म जैसे ONDC, e-NAM और GeM के जरिए डिजिटल उपस्थिति मजबूत की है, जिससे उनके कारोबार में बड़ा इजाफा देखने को मिला है। एक अधिकारी ने बताया, “हम इन उन्नत प्रदर्शन करने वाले FPOs को इनाम देने पर विचार कर रहे हैं ताकि बाकी संगठनों को भी प्रोत्साहन मिले।”

वर्तमान में 9,000 से अधिक FPOs ONDC प्लेटफॉर्म से जुड़े हुए हैं, वहीं 200 से ज्यादा संगठन GeM जैसे सरकारी पोर्टलों पर अपने उत्पाद बेच रहे हैं। इसके अलावा, Amazon और Flipkart पर भी कृषि उत्पादों की बिक्री बढ़ी है।

गुजरात के FPO ने किया 102 करोड़ रुपए का कारोबार
गुजरात स्थित 'बाबरा खेड़ूत उत्पादक एवं रूपांतर सहकारी मंडली' ने 1,465 सदस्य किसानों के साथ 102 करोड़ रुपए का टर्नओवर दर्ज किया है। संगठन ने अपने सदस्यों से एमएसपी पर मूंगफली और कपास की खरीद की और सरकारी एजेंसियों के माध्यम से इसे आगे बढ़ाया। संस्था के सीईओ निरव प्रकाशभाई माथुकिया ने बताया कि इस वर्ष एग्री-इनपुट बिजनेस का विस्तार कर टर्नओवर को और बढ़ाया जाएगा।

FPOs को मिल रहा है लाइसेंस और वित्तीय सहायता
सरकार द्वारा FPOs को बीज, कीटनाशक और उर्वरक की डीलरशिप और इनपुट लाइसेंस दिए जा रहे हैं, जिससे वे एग्री-इनपुट व्यवसाय में भी लाभ कमा सकें। इसके अलावा, ये संगठन कंपनी अधिनियम, सहकारी अधिनियम या बहु-राज्य सहकारी अधिनियम के तहत पंजीकृत होते हैं और इन्हें कृषि बुनियादी ढांचा निधि और कृषि विपणन योजनाओं से भी आर्थिक सहायता मिल रही है।

FY26 तक जारी रहेगा समर्थन, 6,865 करोड़ का बजट
सरकार ने FY21 से शुरू हुई इस योजना के तहत FY26 तक 6,865 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। योजना के अंतर्गत प्रत्येक FPO को 18 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता, प्रति किसान सदस्य 2,000 रुपए की मैचिंग इक्विटी ग्रांट (अधिकतम 15 लाख) और 2 करोड़ रुपए तक के क्रेडिट गारंटी की सुविधा दी जा रही है। इसके अलावा, क्लस्टर आधारित बिजनेस ऑर्गनाइजेशन (CBBOs) को FPOs की मार्केटिंग में सहायता के लिए प्रत्येक को 25 लाख रुपए पांच वर्षों तक दिए जाते हैं। इस पहल का मकसद किसानों की सामूहिक सौदेबाजी की ताकत बढ़ाना और लागत घटाना है।

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