भारत ने फिर मारी बाजी लेकिन वजह है शर्मनाक, इस मामलें में लगातर तीसरे साल आगे

Edited By Updated: 18 Dec, 2025 05:04 PM

india tops global doping chart 2024 wada report 260 athletes positive

विश्व एंटी डोपिंग एजेंसी (WADA) के आंकड़ों के मुताबिक 2024 में भारत में 260 एथलीट डोपिंग टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए। लगातार तीसरे साल भारत डोपिंग मामलों में सबसे ऊपर है। एथलेटिक्स, वेटलिफ्टिंग और कुश्ती में सबसे अधिक मामले सामने आए। NADA ने बताया कि...

नेशनल डेस्क : खेल जगत में प्रदर्शन सुधार के लिए ली जाने वाली प्रतिबंधित दवाओं यानी डोपिंग (Sports Doping India) से जुड़ी हालिया खबरें भारत के लिए चिंता का विषय बन गई हैं। विश्व एंटी डोपिंग एजेंसी (WADA) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, 2024 में भारत में कुल 260 एथलीट डोपिंग टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए हैं। यह लगातार तीसरा वर्ष है जब भारत डोपिंग के मामलों में शीर्ष स्थान पर रहा है, जो देश के खेल प्रतिष्ठा के लिए किसी भी तरह से गर्व करने योग्य नहीं है।

दुनिया में सबसे अधिक डोपिंग भारत में
यदि वैश्विक आंकड़ों को देखें तो भारत डोपिंग के मामलों में लगातार सबसे आगे है। WADA ने बताया कि 3.6 प्रतिशत के साथ भारत का पॉजिटिविटी रेशियो भी दुनिया में सबसे अधिक रहा। भारत में डोपिंग नियंत्रण के लिए टेस्ट करने वाली संस्था, नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) ने 2024 में कुल 7,113 यूरिन और ब्लड सैंपल इकट्ठा किए, जिनमें से 260 पॉजिटिव पाए गए।

इसके विपरीत, चीन ने 24,214 टेस्ट किए और केवल 43 मामले पॉजिटिव पाए गए। जर्मनी में 15,081 टेस्ट किए गए और 54 पॉजिटिव मामले सामने आए। फ्रांस ने 11,744 टेस्ट किए, जिनमें 91 पॉजिटिव पाए गए। रूस में 10,514 टेस्ट किए गए, जिनमें 76 मामले पॉजिटिव पाए गए। इटली ने 9,304 टेस्ट किए, जिनमें 85 पॉजिटिव पाए गए, जबकि यूके ने 8,273 टेस्ट किए और 30 मामले पॉजिटिव पाए गए।

यह केवल एक साल का मामला नहीं है। 2023 में भी भारत ग्लोबल डोपिंग चार्ट में सबसे ऊपर था, जिसमें 213 एथलीट पॉजिटिव पाए गए थे। अपनी एथलेटिक प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबंधित दवाओं का उपयोग करने वाले एथलीटों की संख्या में साल-दर-साल वृद्धि होना खेल जगत के लिए गंभीर चिंता का विषय है।

हर पांच में से एक भारतीय इसका शिकार
WADA के अनुसार, किसी भी प्रतियोगिता या टूर्नामेंट के दौरान एंटी-डोपिंग अधिकारियों द्वारा टेस्ट किए गए हर पांच भारतीय एथलीटों में से लगभग एक डोपिंग में पॉजिटिव पाया गया। डोपिंग के बढ़ते मामलों का एक ताज़ा उदाहरण दिसंबर की शुरुआत में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के दौरान देखा गया। कुछ इवेंट्स, जैसे महिलाओं की 400 मीटर और पुरुषों की 400 मीटर हर्डल्स में, स्टार्टिंग लाइन पर केवल एक ही एथलीट मौजूद था। इस पर आशंका जताई गई कि बाकी एथलीट एंटी-डोपिंग अधिकारियों की उपस्थिति के कारण मैदान छोड़कर चले गए थे।

एथलेटिक्स और अन्य खेलों में डोपिंग के मामले
2024 में एथलेटिक्स में डोपिंग के सबसे अधिक मामले सामने आए। WADA के आंकड़ों के अनुसार, 260 भारतीय डोपिंग पॉजिटिव मामलों में से 76 मामले ट्रैक एंड फील्ड एथलीटों के थे। वेटलिफ्टिंग दूसरे नंबर पर थी, जिसमें 43 मामले सामने आए, जबकि कुश्ती में 29 मामले दर्ज किए गए। इसके अतिरिक्त, अन्य खेलों में भी डोपिंग के मामले पाए गए, जिससे यह स्पष्ट होता है कि विभिन्न खेलों में एथलीट प्रदर्शन सुधार के लिए प्रतिबंधित दवाओं का सेवन कर रहे हैं।

NADA की प्रतिक्रिया और प्रयास
नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) ने कहा कि पॉजिटिव मामलों में बढ़ोतरी ‘चिंताजनक’ प्रतीत होती है, लेकिन यह आंकड़ा भारत द्वारा डोपिंग को रोकने के लिए किए गए लगातार प्रयासों का भी परिणाम है। NADA ने यह भी बताया कि डोपिंग टेस्ट की संख्या 2019 में 4,004 थी, जो 2024 में बढ़कर 7,113 हो गई। इस दौरान पॉजिटिविटी रेट 5.6 प्रतिशत से घटकर 3.6 प्रतिशत पर आ गया। इसका मतलब यह है कि टेस्टिंग और निगरानी बढ़ाने के कारण वास्तविक डोपिंग मामलों की पहचान बेहतर हो रही है, और इसी से एथलीटों को नियंत्रित करने में मदद मिल रही है।

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