Edited By Shubham Anand,Updated: 01 Oct, 2025 05:01 PM

वित्त मंत्रालय ने बताया कि सितंबर 2025 में GST कलेक्शन ₹1.89 लाख करोड़ रहा, पिछले साल से 6.5% अधिक। अप्रैल से सितंबर 2025 के छह महीनों में कुल संग्रह 12.1 लाख करोड़ पहुंच गया। IGST ने रिकॉर्ड ₹1,01,883 करोड़ बनाया। हालांकि सेस कलेक्शन घटा।...
नेशनल डेस्क : वित्त मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि सितंबर 2025 में GST कलेक्शन ₹1.89 लाख करोड़ रहा, जो पिछले साल इसी महीने ₹1.73 लाख करोड़ था। यह लगातार दूसरा महीना है जब जीएसटी की आमदनी ₹1.85 लाख करोड़ से ऊपर रही। अगस्त में यह ₹1.86 लाख करोड़ थी, जो सालाना आधार पर 6.5% की बढ़ोतरी दर्शाता है।
छह महीने में GST संग्रह 12.1 लाख करोड़ रुपए
अप्रैल से सितंबर 2025 के छह महीनों के दौरान देश का कुल GST संग्रह 12.1 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 9.8% ज्यादा है। यह राशि वित्त वर्ष 2024 के पूरे साल के GST संग्रह का लगभग आधा हिस्सा है। नेट GST रेवेन्यू, यानी टैक्स में से कटौतियों के बाद बची राशि, इस दौरान ₹10.4 लाख करोड़ रही, जो सालाना आधार पर 8.8% अधिक है। इससे सरकार के खजाने में मजबूत बढ़ोतरी हो रही है।
IGST कलेक्शन ने बनाया नया रिकॉर्ड
एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (IGST) का संग्रह इस साल पहली बार ₹1 लाख करोड़ के पार चला गया। सितंबर में IGST की कमाई 1,01,883 करोड़ रुपए रही, जो जनवरी 2025 में बनाए गए रिकॉर्ड 1,01,075 करोड़ रुपए से ज्यादा है। यह संकेत देता है कि देश के बीच व्यापार और वस्तुओं के आदान-प्रदान में तेजी आई है।
सेस कलेक्शन में गिरावट
हालांकि अप्रैल से सितंबर के बीच सेस कलेक्शन में गिरावट आई है। अप्रैल में यह ₹13,451 करोड़ था, जो सितंबर में घटकर ₹11,652 करोड़ रह गया। हालांकि यह घटाव कुल GST कलेक्शन पर ज्यादा असर नहीं डाल रहा है।
त्योहारों में GST राजस्व में वृद्धि
अगस्त और सितंबर के त्योहारों के सीजन में GST संग्रह ₹3.8 लाख करोड़ तक पहुंच गया। यह पिछले साल की इसी अवधि से 7.8% ज्यादा है। त्योहारों के कारण बाजारों में खरीदारी बढ़ी, जिससे सरकार को अधिक टैक्स मिला।
GST स्लैब में बड़े बदलाव
सितंबर की शुरुआत में GST परिषद ने कर प्रणाली में बड़े सुधार किए। पहले जहां चार अलग-अलग कर स्लैब (5%, 12%, 18%, 28%) थे, अब उन्हें केवल दो मुख्य स्लैब 5% और 18% में बदला गया है। इसके अलावा, सिन और लग्जरी वस्तुओं पर 40% टैक्स लगाया गया। यह बदलाव 22 सितंबर से लागू हुआ। इसका उद्देश्य टैक्स सिस्टम को सरल बनाना, कारोबारियों के लिए टैक्स भरना आसान करना और आम उपभोक्ताओं को राहत देना है।