Edited By Mehak,Updated: 12 Dec, 2025 06:15 PM

एंटीमैटर, एक ऐसा पदार्थ है जिसकी 1 ग्राम कीमत लगभग 62.5 लाख करोड़ रुपये है और यह ऊर्जा के मामले में अद्भुत है। यदि 1 ग्राम फट जाए तो 4 हिरोशिमा बम जितनी ऊर्जा निकलती है। इसे बनाने में अरबों रुपये खर्च होते हैं और इसे अत्यधिक ठंडा और चुंबकीय क्षेत्र...
नेशनल डेस्क : क्या आपने कभी सोचा है कि सिर्फ एक ग्राम पदार्थ दुनिया की सबसे शक्तिशाली ऊर्जा पैदा कर सकता है? इसे कहते हैं एंटीमैटर (Antimatter)। अगर यह एक ग्राम फट जाए, तो इससे निकली ऊर्जा 4 हिरोशिमा परमाणु बम के बराबर होगी। और इसकी कीमत? लगभग 62.5 लाख करोड़ रुपये (62.5 ट्रिलियन डॉलर) प्रति ग्राम यानी सिर्फ एक ग्राम की कीमत भारत के पूरे सालाना बजट (करीब 50 लाख करोड़ रुपये) से भी कई गुना ज्यादा।
एंटीमैटर क्या है?
हमारा ब्रह्मांड सामान्य पदार्थ (Matter) से बना है – आप, मैं, हवा, पानी, सूरज सब। एंटीमैटर इसके बिल्कुल उल्टे कणों से बना है।
- इलेक्ट्रॉन का चार्ज नेगेटिव (-) होता है, लेकिन एंटी-इलेक्ट्रॉन (पॉजिट्रॉन) का चार्ज पॉजिटिव (+) होता है।
- प्रोटॉन का चार्ज पॉजिटिव (+) होता है, जबकि एंटी-प्रोटॉन का चार्ज नेगेटिव (-)।
जब एंटीमैटर और सामान्य पदार्थ मिलते हैं, तो 100% द्रव्यमान ऊर्जा में बदल जाता है। कोई राख नहीं, धुआं नहीं, केवल रोशनी और गर्मी।

अब तक कितना एंटीमैटर बना है?
1995 से 2025 तक पूरी दुनिया में सिर्फ 10 नैनोग्राम एंटीमैटर बनाया गया है। इतनी मात्रा से एक बल्ब भी एक सेकंड नहीं जलेगा। लेकिन इसे बनाने में अरबों रुपये खर्च हुए हैं।
एंटीमैटर कहां बनता है?
- CERN (स्विट्जरलैंड-फ्रांस बॉर्डर) – दुनिया की सबसे बड़ी मशीन LHC (27 किलोमीटर लंबी)।
- Fermilab, अमेरिका
- GSI हैल्महोल्ट्ज सेंटर, जर्मनी
यहां कणों को प्रकाश की गति के 99.999% तक तेज कर टकराया जाता है। टक्कर से कुछ समय के लिए एंटीमैटर कण बनते हैं।
इसे कैसे रखा जाता है?
एंटीमैटर को किसी भी सतह से टकराने नहीं देना चाहिए, वरना फट जाएगा। इसलिए इसे रखा जाता है:
- बहुत ठंडा, लगभग −273°C (Absolute Zero के करीब)
- शक्तिशाली चुंबकीय और विद्युत क्षेत्र में हवा में तैरते हुए (Penning Trap)
- लगातार निगरानी के तहत, हर सेकंड लाखों बार चेक किया जाता है
विश्व रिकॉर्ड: 2011 में CERN ने 309 एंटी-हाइड्रोजन परमाणु को 16 मिनट 40 सेकंड तक जिंदा रखा।
भविष्य में संभावनाएं
1. अंतरिक्ष यात्रा: आज मंगल जाने में 7-9 महीने लगते हैं, लेकिन एंटीमैटर रॉकेट से केवल 1 महीने में पहुंचा जा सकता है। 10 मिलीग्राम से पूरा अंतरिक्ष यान प्लूटो तक जा सकता है।
2. बिजली का स्रोत: 1 ग्राम एंटीमैटर + 1 ग्राम सामान्य पदार्थ = 43 किलो टन TNT जितनी ऊर्जा। पूरे भारत को 10-12 दिन बिजली दे सकता है।
3. कैंसर का इलाज: PET स्कैन में पॉजिट्रॉन पहले से ही इस्तेमाल होता है। भविष्य में एंटी-प्रोटॉन से कैंसर कोशिकाओं को और सटीक निशाना बनाया जा सकता है।
महंगी क्यों?
1 ग्राम बनाने में 10 लाख साल तक LHC चलाना पड़ेगा। एक सेकंड के प्रयोग में लाखों रुपये खर्च। इसलिए अब तक बनी मात्रा की कीमत अरबों डॉलर में है।
रोचक तथ्य
- बिग बैंग में समान मात्रा में Matter और Antimatter था, लेकिन अब एंटीमैटर लगभग गायब है।
- यदि 1 ग्राम एंटीमैटर धरती पर गिर जाए, तो पूरा शहर उड़ जाएगा।
आज एंटीमैटर सिर्फ प्रयोगशालाओं में है, लेकिन भविष्य में यह पूरी मानव सभ्यता को बदल सकता है। जब इसे सुरक्षित और सस्ते में बनाया और रखा जा सकेगा, तो यह दुनिया का सबसे कीमती खजाना बन जाएगा। छोटे शीशे में तैरता हुआ चमकता एंटीमैटर, सोने-हीरे से भी ज्यादा मूल्यवान होगा।