Edited By jyoti choudhary,Updated: 08 Dec, 2025 05:11 PM

प्रवर्तन निदेशालय (ED) गुरुग्राम की Ocean Seven Buildtech और इसके प्रमोटर्स के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जल्द ही चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी में है। यह पूरा मामला प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत बने फ्लैट्स की बिक्री में बड़े पैमाने पर...
बिजनेस डेस्कः प्रवर्तन निदेशालय (ED) गुरुग्राम की Ocean Seven Buildtech और इसके प्रमोटर्स के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जल्द ही चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी में है। यह पूरा मामला प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत बने फ्लैट्स की बिक्री में बड़े पैमाने पर हुई अनियमितताओं से जुड़ा है।
जांच एजेंसी के अनुसार कंपनी ने PMAY के फ्लैट्स को मनमाने कारणों से कैंसिल दिखाया लेकिन मूल खरीदारों को पैसे लौटाए बिना इन्हें 40–50 लाख रुपए में दोबारा बेच दिया। इन फ्लैट्स की सरकार द्वारा निर्धारित कीमत 26.5 लाख रुपए थी यानी कंपनी एक ही यूनिट से दोहरी कमाई करती रही।
Resale में कैश वसूली, खरीदारों से 222 करोड़ रुपए जुटाए
ED की जांच में सामने आया कि रीसेल के दौरान भारी मात्रा में कैश लिया गया और इसे शेल कंपनियों के जरिए घूमाया गया। इस तरीके से कंपनी ने 222 करोड़ रुपए तक वसूलने का आरोप है। पार्किंग की बिक्री में भी कैश सिस्टम अपनाया गया और बैंक में न्यूनतम रकम ही दिखाई गई।
एक्शन से पहले संपत्तियां बेचने का पैटर्न
एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि गुरुग्राम, महाराष्ट्र और राजस्थान में कंपनी ने जांच की आहट मिलते ही संपत्तियां तेजी से बेचनी शुरू कर दीं ताकि कार्रवाई से बचा जा सके।
विदेश में परिवार की मौजूदगी भी जांच के घेरे में
ED का कहना है कि प्रमोटर स्वराज सिंह यादव की पत्नी अगस्त 2025 में अमेरिका चली गई थीं और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में रह रही थीं, जबकि बच्चे कनेक्टिकट में पढ़ाई कर रहे थे। पत्नी के नाम वाले बैंक खातों में संदिग्ध लेन-देन भी पाया गया है।
अदालत ने गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी और आरोपी को 14 दिन की ED कस्टडी के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। एजेंसी जल्द ही अपनी चार्जशीट दाखिल कर सकती है। कंपनी की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।