Edited By Seema Sharma,Updated: 26 Apr, 2019 09:17 AM

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए गठित सुप्रीम कोर्ट की आंतरिक जांच समिति से खुद को अलग करने वाले न्यायमूर्ति एन.वी. रमण ने अपने पत्र में कहा है कि वह समिति से अलग इसलिए हो रहे हैं
नई दिल्लीः चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए गठित सुप्रीम कोर्ट की आंतरिक जांच समिति से खुद को अलग करने वाले न्यायमूर्ति एन.वी. रमण ने अपने पत्र में कहा है कि वह समिति से अलग इसलिए हो रहे हैं कि पूरी कार्रवाई विकृत नहीं हो। सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने कहा कि न्यायमूर्ति रमण ने आंतरिक जांच समिति की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे को इस सिलसिले में एक पत्र लिखा। सूत्रों ने कहा, ‘‘न्यायमूर्ति रमण ने खुद को अलग कर लिया और न्यायमूर्ति बोबडे को इस संबंध में पत्र लिखा। यह तीन पेज का पत्र है।

समिति से हटना पूर्व महिला कर्मचारी द्वारा कही गई बातों पर आधारित नहीं है। लेकिन ऐसा इसलिए किया गया ताकि पूरी कार्यवाही विकृत नहीं हो। इससे एक दिन पहले, महिला ने समिति को पत्र लिखकर न्यायमूर्ति रमण को इसमें शामिल करने पर आपत्ति जताई थी। महिला ने समिति में न्यायमूर्ति रमण की मौजूदगी पर इस आधार पर आपत्ति जताई थी कि वह सीजेआई के करीबी दोस्त हैं और उनके घर अक्सर आना जाना करते हैं।

