Edited By Anu Malhotra,Updated: 06 Oct, 2025 12:51 PM

हरियाणा के रोहतक जिले में एक बड़ा निवेश समझौता हुआ है, जो न सिर्फ इस क्षेत्र की आर्थिक तस्वीर बदलने की क्षमता रखता है, बल्कि स्थानीय युवाओं और उद्योग को नई उम्मीदें भी देगा। वैश्विक सामग्री क्षेत्र की अग्रणी कंपनी सेरेन कंपनी लिमिटेड के साथ एक मेगा...
नेशनल डेस्क: हरियाणा के रोहतक जिले में एक बड़ा निवेश समझौता हुआ है, जो न सिर्फ इस क्षेत्र की आर्थिक तस्वीर बदलने की क्षमता रखता है, बल्कि स्थानीय युवाओं और उद्योग को नई उम्मीदें भी देगा। वैश्विक सामग्री क्षेत्र की अग्रणी कंपनी सेरेन कंपनी लिमिटेड के साथ एक मेगा परियोजना का समझौता ज्ञापन (MoU) (Memorandum of Understanding) पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसकी अनुमानित लागत ₹220 करोड़ से अधिक है। इस परियोजना के चलते स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा मिलेगी और अनुमानित रूप से 1,700 से ज़्यादा प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है।
सेरेन कंपनी लिमिटेड, जो सामग्री (materials) या उससे संबंधित उद्योग में वैश्विक स्तर पर काम करती है, इस परियोजना का मुख्य निवेशकर्ता है। स्थानीय और राज्य सरकार के सहयोग से यह परियोजना रोहतक में स्थापित की जाएगी। परियोजना का आकार और निवेश इतना बड़ा होने के कारण यह क्षेत्र की सबसे बड़ी निवेश योजनाओं में से एक बन गई है।
अनुमानित लागत और वित्तीय व्यवस्था
-परियोजना की अनुमानित लागत ₹220 करोड़ से अधिक है।
-यह पूंजी निवेश संयंत्र निर्माण, मशीनरी, बुनियादी ढांचे (सड़क, बिजली, पानी, ड्रेनेज), और अन्य सुविधाओं पर खर्च होगा।
-संभव है कि कंपनी और सरकार के बीच लागत-विभाजन, टैक्स राहत या सब्सिडी, जमीन अधिग्रहण सहायता जैसी व्यवस्थाएं भी हों।
रोजगार सृजन
समझौते के अनुसार, 1,700 से अधिक नौकरियां सृजित होंगी - इसमें निर्माण अवधि की नौकरियां, संचालन की नौकरियां, सप्लाई चेन में जुड़े पद आदि शामिल होंगे। यह स्थानीय युवाओं और आसपास की आबादी के लिए बड़ी अवसर हो सकती है।
प्रदेश और क्षेत्रीय विकास के लिहाज से महत्व
-इस परियोजना से हरियाणा के विनिर्माण (manufacturing) क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा।
-स्थानीय उद्योगों को सप्लाई वेंडर, पार्ट्स विनिर्माता और सप्लायर्स के लिए नई मांग बनेगी।
-इससे रोहतक और आसपास के जिलों की इन्फ्रास्ट्रक्चर और आर्थिक गतिविधियां सक्रिय होंगी।
-राजस्व (tax revenue), मुख्य आर्थिक संकेतक और औद्योगिक अस्तित्व को बढ़ाने की दिशा में यह कदम माना जाएगा।