राहुल गांधी के बयान पर मायावती का तीखा हमला: 'दिल में कुछ, जुबान पर कुछ और'... BJP पर भी साधा निशाना

Edited By Updated: 26 Jul, 2025 11:36 AM

he has something in his heart but says something else also targeted bjp

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा पिछड़े समाज से 'माफी' मांगते हुए, यह स्वीकार करने पर कि कांग्रेस और उन्होंने व्यक्तिगत रूप से पिछड़े वर्गों के लिए उतना काम नहीं किया जितना किया जाना चाहिए था, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय...

नेशनल डेस्क:  लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा पिछड़े समाज से 'माफी' मांगते हुए, यह स्वीकार करने पर कि कांग्रेस और उन्होंने व्यक्तिगत रूप से पिछड़े वर्गों के लिए उतना काम नहीं किया जितना किया जाना चाहिए था, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने जोरदार पलटवार किया है। मायावती ने राहुल गांधी के बयान को 'दिल में कुछ और जुबान पर कुछ और' जैसी स्वार्थ की राजनीति करार दिया है।

"यह कोई नई बात नहीं, स्वार्थ की राजनीति ज़्यादा लगती है"
शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में बसपा मुखिया मायावती ने लिखा, "लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष द्वारा यह स्वीकार करना कि देश के विशाल आबादी वाले अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) समाज के लोगों की राजनीतिक व आर्थिक आशा, आकांक्षा व आरक्षण सहित उन्हें उनका संवैधानिक हक दिलाने के मामलों में कांग्रेस पार्टी खरी व विश्वासपात्र नहीं रही है, कोई नई बात नहीं है, बल्कि यह दिल में कुछ व जुबान पर कुछ और जैसी स्वार्थ की राजनीति ज्यादा लगती है।"

उन्होंने आगे कहा, "वास्तव में उनका यह बयान उसी तरह से जगजाहिर है जैसा कि देश के करोड़ों शोषित, वंचित व उपेक्षित एससी/एसटी समाज के प्रति कांग्रेस पार्टी का ऐसा ही दुखद व दुर्भाग्यपूर्ण रवैया लगातार रहा है और जिस कारण ही इन वर्गों के लोगों को फिर अन्ततः अपने आत्म-सम्मान व स्वाभिमान तथा अपने पैरों पर खड़े होने की ललक के कारण अलग से अपनी पार्टी बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) यहां बनानी पड़ी है।"

कांग्रेस और BJP दोनों पर साधा निशाना
मायावती ने कांग्रेस पर सत्ता गंवाने के बाद इन वर्गों की याद आने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "अब सत्ता गंवाने के बाद इन्हें इन वर्गों की याद आने लगी है जिसे इनकी नीयत व नीति में हमेशा खोट रहने की वजह से घड़ियाली आंसू नहीं तो और क्या कहा जाएगा, जबकि वर्तमान हालात में बीजेपी के एनडीए का भी इन वर्गों के प्रति दोहरे चरित्र वाला यही चाल-ढाल लगता है।"

उन्होंने याद दिलाया कि एससी/एसटी वर्गों को आरक्षण का सही लाभ न देने, बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित न करने, और देश की आजादी के बाद लगभग 40 वर्षों तक ओबीसी वर्गों को आरक्षण की सुविधा न देने जैसे जातिवादी रवैयों को कोई कैसे भूल सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह अनुचित जातिवादी रवैया अभी भी जारी है।

बसपा को बताया बहुजन समाज का सच्चा हितैषी
मायावती ने सभी जातिवादी पार्टियों पर मिलकर एससी, एसटी व ओबीसी आरक्षण को किसी न किसी बहाने से निष्क्रिय एवं निष्प्रभावी बनाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "इस प्रकार दलितों, आदिवासियों व अन्य पिछड़ों इन बहुजन समाज को सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक तौर पर गुलाम व लाचार बनाए रखने के मामलों में सभी जातिवादी पार्टियाँ हमेशा से एक ही थैली के चट्टे-बट्टे रहे हैं, जबकि अम्बेडकरवादी पार्टी बीएसपी सदा ही इन वर्गों की सच्ची हितैषी रही है।"

उन्होंने अपनी सरकार का उदाहरण देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में चार बार बीएसपी के नेतृत्व वाली सरकार में सर्वसमाज के गरीबों, मजलूमों के साथ-साथ बहुजन समाज के सभी लोगों के जान-माल व मजहब की सुरक्षा व सम्मान तथा इनके हित एवं कल्याण की भी पूरी गारंटी रही है। मायावती ने अंत में बहुजन समाज से खासकर दलित, आदिवासी व अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी समाज) से अपील की कि वे कांग्रेस, सपा आदि इन विरोधी पार्टियों के किसी भी बहकावे में न आएं, क्योंकि उनका हित केवल बीएसपी की 'आयरन गारंटी' में ही निहित है।
 

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