Life और Health Insurance को लेकर सरकार करने जा रही ये बड़ा बदलाव, पॉलिसीहोल्डर्स को मिलेगी खुशखबरी

Edited By Updated: 21 Aug, 2025 07:13 AM

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बढ़ती मेडिकल महंगाई और स्वास्थ्य देखभाल की लागत के बीच हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस आज हर घर की जरूरत बन चुकी है। खासकर सीनियर सिटिज़न के लिए यह न सिर्फ इलाज का आर्थिक सहारा है, बल्कि मानसिक सुकून भी देता है कि किसी अनहोनी की स्थिति में खर्च का बोझ नहीं...

नेशनल डेस्क: बढ़ती मेडिकल महंगाई और स्वास्थ्य देखभाल की लागत के बीच हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस आज हर घर की जरूरत बन चुकी है। खासकर सीनियर सिटिज़न के लिए यह न सिर्फ इलाज का आर्थिक सहारा है, बल्कि मानसिक सुकून भी देता है कि किसी अनहोनी की स्थिति में खर्च का बोझ नहीं उठाना पड़ेगा। लेकिन एक बड़ी समस्या है--- बीमा प्रीमियम पर लगने वाला भारी-भरकम 18% जीएसटी। यही टैक्स कई लोगों को पॉलिसी लेने से रोक देता है। अब इस दिशा में राहत की बड़ी खबर सामने आई है।

जल्द खत्म हो सकता है बीमा पर GST
बिहार के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने हाल ही में संकेत दिया है कि बीमा प्रीमियम पर जीएसटी को खत्म करने की सिफारिश की जा सकती है। उनका कहना है कि जीएसटी काउंसिल के ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) की ओर से हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर लगने वाले टैक्स को पूरी तरह हटाने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। यह प्रस्ताव जल्द ही जीएसटी परिषद (GST Council) के सामने पेश किया जाएगा।

क्यों है ये बदलाव जरूरी?
वर्तमान में, कोई भी व्यक्ति जब हेल्थ या लाइफ इंश्योरेंस की पॉलिसी खरीदता है, तो उसे प्रीमियम के अलावा 18 प्रतिशत जीएसटी देना पड़ता है। इससे कुल खर्च काफी बढ़ जाता है, खासकर तब जब परिवार में बुजुर्ग हों या गंभीर बीमारियों का खतरा हो। यह टैक्स बीमा को आम लोगों की पहुंच से दूर कर देता है।

क्या कहती है केंद्र सरकार?
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी पहले इस मुद्दे को उठा चुके हैं। उनका साफ कहना था कि बीमा जैसी बुनियादी जरूरतों पर टैक्स लगाना न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि आज की बदलती जीवनशैली और स्वास्थ्य संकटों के बीच हर व्यक्ति को बीमा की जरूरत है। इसीलिए, बीमा को टैक्स फ्री किया जाना चाहिए।

GoM की सिफारिशें और अगला कदम
13 राज्यों के मंत्रियों के समूह का नेतृत्व कर रहे सम्राट चौधरी ने बताया कि सभी सदस्य बीमा पर टैक्स घटाने को लेकर सहमत हैं। कुछ राज्यों ने अपने अलग विचार जरूर दिए हैं, लेकिन सर्वसम्मति से इस दिशा में कदम बढ़ाया गया है। अब परिषद इस पर अंतिम फैसला लेगी।

बीमा टैक्स छूट: बड़े जीएसटी रिफॉर्म का हिस्सा
बीमा पर जीएसटी छूट की यह पहल, केंद्र सरकार की उस व्यापक योजना का हिस्सा है, जिसके तहत सभी उत्पादों और सेवाओं को उनकी प्रकृति के आधार पर टैक्स की दो श्रेणियों—5% और 18%—में विभाजित किया जाएगा। बीमा जैसे ज़रूरी सेक्टर को टैक्स से बाहर करना इस ‘नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म’ का अहम भाग होगा।

अगर जीएसटी परिषद इस सिफारिश को मंजूरी देती है, तो हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी पर लगने वाला टैक्स पूरी तरह समाप्त हो सकता है। इससे न केवल प्रीमियम सस्ता होगा, बल्कि अधिक लोग बीमा खरीदने के लिए प्रोत्साहित होंगे, जिससे देश में बीमा कवरेज भी बढ़ेगा।

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