Edited By Anu Malhotra,Updated: 18 Dec, 2025 12:20 PM

रूस, जो अपनी सैन्य शक्ति और वैश्विक राजनीति में प्रभाव के लिए जाना जाता है, अब एक नए ध्यान केंद्र का हिस्सा बन रहा है: उसकी बदलती जनसंख्या संरचना। Pew Research और कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, देश में मुस्लिम आबादी लगातार बढ़ रही है और अनुमान है कि...
नेशनल डेस्क: रूस, जो अपनी सैन्य शक्ति और वैश्विक राजनीति में प्रभाव के लिए जाना जाता है, अब एक नए ध्यान केंद्र का हिस्सा बन रहा है: उसकी बदलती जनसंख्या संरचना। Pew Research और कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, देश में मुस्लिम आबादी लगातार बढ़ रही है और अनुमान है कि 2030 तक यह कुल आबादी का एक बड़ा हिस्सा बन सकती है। वहीं, हिंदू और अन्य छोटे धार्मिक समुदाय अब भी सीमित संख्या में हैं। इस बदलाव का असर केवल सांख्यिकीय नहीं होगा, बल्कि रूस की सामाजिक और राजनीतिक तस्वीर पर भी पड़ सकता है।
मुस्लिम आबादी की मौजूदा स्थिति
रूस की कुल आबादी लगभग 14 से 15 करोड़ के बीच आंकी जाती है। इसमें मुस्लिम समुदाय का हिस्सा लगभग 7 से 10 फीसदी के आसपास माना जाता है, यानी करीब 2.5 करोड़ लोग। चूंकि रूस में धर्म के आधार पर नियमित जनगणना नहीं होती, इसलिए ये आंकड़े अलग-अलग रिसर्च और सर्वेक्षणों पर आधारित हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस्लाम रूस में तेजी से बढ़ता धर्म बन चुका है और आने वाले वर्षों में इसकी हिस्सेदारी और बढ़ सकती है।
भविष्य में संभावित बदलाव
कुछ धार्मिक और मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया जा रहा है कि अगले 10-15 साल में रूस की आबादी में मुस्लिम हिस्सेदारी और भी बढ़ सकती है। हालांकि विशेषज्ञ इसे अत्यधिक अनुमान मानते हैं, लेकिन प्रवास और जन्मदर के आधार पर मुस्लिम आबादी की वृद्धि को नकारा नहीं जा सकता।
माइग्रेशन: मुस्लिम आबादी बढ़ने का मुख्य कारण
रूस में मुस्लिम आबादी में इजाफे का सबसे बड़ा कारण मध्य एशियाई देशों से हो रहे प्रवास को माना जाता है। उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान और कजाकिस्तान जैसे देशों से लोग रोजगार और बेहतर जीवन की तलाश में रूस आते हैं। इनमें से कई लंबे समय से रूस में रह रहे हैं और स्थायी रूप से बस चुके हैं। इसके अलावा, रूस के कुछ इलाके जैसे तातारस्तान, चेचन्या और दागेस्तान लंबे समय से मुस्लिम बहुल रहे हैं और वहां जन्मदर अपेक्षाकृत अधिक है, जिससे कुल मुस्लिम संख्या में इजाफा हो रहा है।
कहां ज्यादा मुस्लिम आबादी है
रूस में मुस्लिम समुदाय की उपस्थिति कुछ क्षेत्रों में विशेष रूप से मजबूत है। तातारस्तान, चेचन्या और दागेस्तान में यह समुदाय पारंपरिक रूप से बड़ा है। वहीं मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग जैसे बड़े शहरों में प्रवासी मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ रही है।
कुछ रिपोर्ट्स यह अनुमान लगा रही हैं कि 2030 तक मुस्लिम आबादी और अधिक बढ़ सकती है। विशेषज्ञ इस दावे को कुछ हद तक अतिशयोक्ति मानते हैं, क्योंकि कुल आबादी सीमित है। फिर भी यह स्पष्ट है कि आने वाले वर्षों में रूस की जनसंख्या संरचना में बदलाव नजर आएगा।
ईसाई धर्म का अब भी प्रभाव
वर्तमान में रूस में ईसाई धर्म के अनुयायी सबसे अधिक हैं। लगभग आधी आबादी ईसाई परंपराओं से जुड़ी हुई है। हालांकि कम जन्मदर और घटती जनसंख्या के कारण ईसाई समुदाय का अनुपात धीरे-धीरे कम हो रहा है।
हिंदू और अन्य धार्मिक समुदाय
रूस में हिंदू और बौद्ध धर्म के अनुयायी बहुत कम हैं। इसके अलावा एक बड़ा हिस्सा ऐसा भी है जो किसी धर्म से नहीं जुड़ा, जिसका कारण मुख्य रूप से सोवियत युग का धर्मनिरपेक्ष प्रभाव माना जाता है।