Edited By Anu Malhotra,Updated: 20 Dec, 2025 08:54 AM

मध्य प्रदेश के सतना जिले से सामने आए एक गंभीर स्वास्थ्य मामले ने देशभर की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकारी अस्पताल में इलाज के दौरान कम से कम छह बच्चों के HIV पॉजिटिव पाए जाने के बाद न केवल राज्य सरकार हरकत में आई है, बल्कि राष्ट्रीय...
नेशनल डेस्क: मध्य प्रदेश के सतना जिले से सामने आए एक गंभीर स्वास्थ्य मामले ने देशभर की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकारी अस्पताल में इलाज के दौरान कम से कम छह बच्चों के HIV पॉजिटिव पाए जाने के बाद न केवल राज्य सरकार हरकत में आई है, बल्कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने भी इस मामले को गंभीर मानते हुए पूरे देश में नोटिस जारी कर दिया है।
NHRC ने खुद लिया संज्ञान, सभी राज्यों से मांगी रिपोर्ट
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मीडिया रिपोर्ट के आधार पर इस घटना पर स्वतः संज्ञान (सुओ मोटो) लिया है। आयोग ने कहा कि इस तरह की घटनाएं देश के अन्य हिस्सों से भी उसके संज्ञान में आई हैं। इसी को देखते हुए NHRC ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को नोटिस भेजकर चार सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
इन रिपोर्ट्स में यह बताना होगा कि:
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इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं
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दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई या प्रस्तावित है
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ब्लड ट्रांसफ्यूजन सिस्टम की निगरानी कैसे की जा रही है
सतना के सरकारी अस्पताल में हुआ मामला
यह मामला सतना जिले के सरदार वल्लभभाई पटेल शासकीय अस्पताल से जुड़ा है। यहां इलाज करा रहे छह बच्चे, जिन्हें नियमित रूप से खून चढ़ाया जा रहा था, जांच में HIV पॉजिटिव पाए गए। बताया गया है कि ये सभी बच्चे थैलेसीमिया जैसी बीमारी से पीड़ित थे, जिसमें बार-बार ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत होती है। जनवरी से मई के बीच बच्चों में HIV संक्रमण की पुष्टि हुई थी, लेकिन यह मामला अब सामने आया है।
राज्य सरकार की कार्रवाई: तीन अधिकारी सस्पेंड
मामले की गंभीरता को देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने तत्काल कदम उठाए हैं।
राज्य सरकार ने:
को निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई एक प्रारंभिक जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर की गई है, जिसे मामले की जांच के लिए गठित किया गया था।
अन्य अस्पतालों में भी जांच की आशंका
16 दिसंबर की मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राज्य प्रशासन यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि:
इसी के साथ, संबंधित अस्पताल ने भी आंतरिक जांच शुरू कर दी है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि लापरवाही कहां और कैसे हुई।