खतरा अभी टला नहीं… पड़ोसी देश के Dam का गेट हुआ खराब, भारत में बाढ़ का खतरा! अब तक 20 की मौत

Edited By Updated: 06 Oct, 2025 07:48 PM

hydropower dam bhutan wangchu river torrential rains landslides darjeeling

उत्तर बंगाल इन दिनों कुदरत के भीषण प्रकोप का सामना कर रहा है। बीते कुछ दिनों से जारी मूसलाधार बारिश और भूस्खलन ने यहां जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। दार्जिलिंग, कालिम्पोंग, अलीपुरद्वार, जलपाईगुड़ी और कूचबिहार जैसे जिलों में हालात...

नेशनल डेस्क:  उत्तर बंगाल इन दिनों कुदरत के भीषण प्रकोप का सामना कर रहा है। बीते कुछ दिनों से जारी मूसलाधार बारिश और भूस्खलन ने यहां जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। दार्जिलिंग, कालिम्पोंग, अलीपुरद्वार, जलपाईगुड़ी और कूचबिहार जैसे जिलों में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। स्थिति और भी गंभीर हो गई जब भूटान के ताला हाइड्रोपावर डैम के गेट में खराबी आने से ओवरफ्लो की स्थिति बन गई, जिससे भारत की ओर बहने वाली वांगचू नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया।

मौत का आंकड़ा 20 पार, कई अब भी लापता
लगातार बारिश और लैंडस्लाइड की वजह से अब तक कम से कम 20 लोगों की मौत हो चुकी है। कई लोग मलबे के नीचे दबे हुए हैं और कुछ की तलाश जारी है। इन आपदाओं ने न केवल जान ली है, बल्कि लोगों की आजीविका और घर भी निगल लिए हैं। कई परिवार बेघर हो चुके हैं और राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हैं।

261 मिमी बारिश ने ढहा दी पहाड़ियों की ताकत
4 अक्टूबर से शुरू हुई बारिश ने पहाड़ी क्षेत्रों की मिट्टी को कमजोर कर दिया है। अकेले दार्जिलिंग जिले में 24 घंटे के भीतर 261 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई, जिसे मौसम विभाग ने 'एक्स्ट्रीमली हेवी' की श्रेणी में रखा है। इसके चलते अनेक जगहों पर पहाड़ी ढलान टूटकर गिर पड़े और बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ।

सड़कें और पुल ध्वस्त, संपर्क टूटा
मिरिक क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां कई मकान जमींदोज हो गए और सड़कें बह गईं। सिलीगुड़ी को कर्सियांग से जोड़ने वाला प्रमुख मार्ग – सुभाष घिसिंग रोड – पूरी तरह से बंद है। वहीं, सिक्किम और कालिम्पोंग के बीच जाने वाला NH-10 भी भूस्खलन की वजह से अवरुद्ध हो गया है। डूअर्स इलाके में तो जलभराव ने यातायात को पूरी तरह पंगु बना दिया है।

डैम से आया नया संकट
भूटान के ताला डैम में तकनीकी खराबी के चलते जब पानी का बहाव अनियंत्रित हो गया, तो नीचे के क्षेत्रों में खतरे की घंटी बज गई। वांगचू नदी का जलस्तर बढ़ने से खासकर जलपाईगुड़ी और कूचबिहार के निचले हिस्सों में बाढ़ का पानी तेजी से फैल गया है। खेत-खलिहान, सड़कें और घर सब जलमग्न हो चुके हैं।

रेलवे और संचार व्यवस्था चरमराई
दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे की पटरियां भी इस कुदरती आपदा की चपेट में आ गई हैं। पुल और सड़कों को भारी क्षति पहुंची है। दुधिया क्षेत्र में बालासुन नदी पर बना ऐतिहासिक लोहे का पुल बह गया, जिससे मिरिक और सिलीगुड़ी के बीच संपर्क पूरी तरह कट गया है। रोहिणी रोड पर भी सड़क धंसने से राहत कार्यों में रुकावट आ रही है।

पर्यटकों को सुरक्षित किया गया, गांवों में त्राहिमाम
प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में फंसे पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश जारी किए हैं। दूसरी ओर कई गांवों में जरूरी सामानों की किल्लत हो गई है – पीने का पानी, दवाइयां और खाद्य सामग्री लगभग खत्म हो चुकी है। संचार नेटवर्क बाधित होने से स्थिति और चिंताजनक हो गई है। ट्रेन सेवाएं भी प्रभावित हैं, जिससे यात्रियों को घंटों स्टेशन पर इंतजार करना पड़ रहा है।

खतरा अभी टला नहीं…
हालांकि मौसम विभाग ने कुछ इलाकों में बारिश में थोड़ी राहत की संभावना जताई है, लेकिन डैम की स्थिति और ढीली पहाड़ियों को देखते हुए खतरा अब भी मंडरा रहा है। स्थानीय प्रशासन, सेना और एनडीआरएफ की टीमें राहत कार्यों में जुटी हैं, लेकिन चुनौती बड़ी है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!