Earthquake Alert: हाई-राइज फ्लैट्स में रहने वाले हो जाएं सावधान! भूकंप के तेज झटके में सबसे पहले गिर सकतीं हैं ये इमारतें

Edited By Updated: 10 Jul, 2025 02:32 PM

if a severe earthquake occurs which buildings will be the first to be affected

आज सुबह यानी 10 जुलाई को जब दिल्ली-एनसीआर के बहुत से लोग अपने बिस्तर पर थे तभी धरती कुछ सेकंड के लिए हिल उठी। ये भूकंप के झटके थे जिनकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.5 मापी गई। दिल्ली-एनसीआर जैसे घनी आबादी वाले और ऊंची इमारतों वाले क्षेत्रों में अक्सर...

नेशनल डेस्क। आज सुबह यानी 10 जुलाई को जब दिल्ली-एनसीआर के बहुत से लोग अपने बिस्तर पर थे तभी धरती कुछ सेकंड के लिए हिल उठी। ये भूकंप के झटके थे जिनकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.5 मापी गई। दिल्ली-एनसीआर जैसे घनी आबादी वाले और ऊंची इमारतों वाले क्षेत्रों में अक्सर यह सवाल उठता है कि अगर कभी ज़ोरदार भूकंप आया तो सबसे पहले कौन सी इमारतें ज़द में होंगी और क्या हाई-राइज़ बिल्डिंग्स में रहने वालों को ज़्यादा खतरा है? चलिए जानते हैं कि अगर भूकंप की तीव्रता तेज होती है तो सबसे पहले किस तरह की बिल्डिंग्स गिर सकती हैं और हाई-राइज़ बिल्डिंग्स वालों पर इसका कितना ज़्यादा प्रभाव हो सकता है।

तेज़ भूकंप में पहले कौन सी बिल्डिंग्स गिर सकती हैं?

आज सुबह का भूकंप ज़्यादा तेज नहीं था लेकिन ज़मीन कुछ सेकंड तक हिलती ज़रूर महसूस हुई। इसके बाद लोगों के मन में फिर वही सवाल उभरा: अगर कभी बहुत तेज़ भूकंप आता है तो सबसे पहले कौन-सी इमारतें खतरे में होंगी?

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दरअसल सबसे ज़्यादा रिस्क उन बिल्डिंग्स को होता है जो बिना मंजूरी या स्ट्रक्चरल प्लान के बनाई जाती हैं।

➤ इसका मतलब है अनऑथराइज़्ड कॉलोनियां

➤ जर्जर पुराने मकान

➤ और कमज़ोर नींव वाली इमारतें।

 

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इन्हें बनाते समय इस बात की कोई गारंटी नहीं होती कि यह किसी बड़े झटके को झेल पाएंगी। खासकर वो घर जो बहुत पास-पास बने होते हैं या जिनमें घटिया मटेरियल का इस्तेमाल हुआ होता है उनके गिरने की आशंका सबसे ज़्यादा होती है। तेज़ भूकंप आने पर सबसे पहले यही बिल्डिंग्स ज़मीन पर आ सकती हैं।

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हाई-राइज़ बिल्डिंग्स में रहने वालों को कितना खतरा?

सामान्य तौर पर अगर तेज़ भूकंप आता है तो किसी के लिए भी खतरा कम नहीं होगा लेकिन हाई-राइज़ बिल्डिंग में रहने वालों की बात की जाए तो उनके बचने के चांस ज़्यादा होते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ज़्यादातर ऊंची इमारतें आज की तारीख में भूकंप रेसिस्टेंट नॉर्म्स (भूकंप-रोधी मानकों) के हिसाब से बनाई जाती हैं। यानी ये कुछ हद तक झटकों को झेल सकती हैं। हालाँकि जो लोग काफी ऊपर रहते हैं उन लोगों को भूकंप के झटके ज़्यादा महसूस हो सकते हैं और भूकंप की स्थिति में ऊपर से नीचे आने में भी काफी परेशानी हो सकती है।

 

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➤ ऐसा इसलिए क्योंकि लिफ्ट बंद हो सकती है

➤ और सीढ़ियों में भगदड़ मच सकती है।

वहीं हाई-राइज़ बिल्डिंग्स में बिल्डिंग गिरने से ज़्यादा इस तरह के खतरे ज़्यादा रहते हैं।

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