अगर तीस हजारी में तैनात होती CISF तो हिंसा नहीं होती, केंद्र इस पर विचार करे: SC

Edited By Seema Sharma,Updated: 08 Jan, 2020 01:50 PM

if cisf was deployed at tis hazari violence would not have happened sc

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि वह अप्रिय घटनाओं से बचने के लिए कुछ अदालतों में सीआईएसएफ की तैनाती की संभावना पर विचार करे। कोर्ट ने कहा कि अगर अदालत (तीस हजारी) में सीआईएसएफ तैनात होती तो वहां हिंसा नहीं होती। पीठ शायद तीस हजारी की हालिया...

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि वह अप्रिय घटनाओं से बचने के लिए कुछ अदालतों में सीआईएसएफ की तैनाती की संभावना पर विचार करे। कोर्ट ने कहा कि अगर अदालत (तीस हजारी) में सीआईएसएफ तैनात होती तो वहां हिंसा नहीं होती। पीठ शायद तीस हजारी की हालिया घटना का जिक्र कर रही थी। पिछले साल नवंबर में तीस हजारी अदालत परिसर में वकीलों और पुलिस कर्मियों के बीच झड़प हुई थी। जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस सूर्यकांत भी इस पीठ में हैं।

 

पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि सीआईएसएफ का एक अलग कैडर होना चाहिए जो चीफ जस्टिस के फैसले के बाद कुछ न्यायालयों में सुरक्षा मुहैया कराए। इस मामले में न्यायमित्र के रूप में पेश हुए वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लुथरा ने कहा कि वकीलों के लिए समस्या हो सकती है और यह उचित होगा कि इस मामले में बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) से भी विचार लिया जाए। इसके बाद पीठ ने अदालतों में सीआईएसएफ की तैनाती पर विचार जानने के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किया।

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