अगर स्पेस में एस्ट्रोनॉट्स हो जाएं बीमार तो कैसे होता है उनका इलाज? पढ़ें पूरी डिटेल

Edited By Updated: 26 Jun, 2025 06:43 PM

if astronauts get sick how is treatment done in space read the full news

अंतरिक्ष में जीवन संभव है या नहीं, दशकों से यह खोज जारी है। जीवन की तलाश में या उसे पनपाने की संभावनाओं को खोजने के लिए अंतरिक्ष यात्री लगातार स्पेस की ओर जा रहे हैं। वे पूरी सुरक्षा और एहतियात में रहते हैं, लेकिन अगर किसी यात्री की सेहत अचानक खराब...

नेशनल डेस्क: अंतरिक्ष में जीवन संभव है या नहीं, दशकों से यह खोज जारी है। जीवन की तलाश में या उसे पनपाने की संभावनाओं को खोजने के लिए अंतरिक्ष यात्री लगातार स्पेस की ओर जा रहे हैं। वे पूरी सुरक्षा और एहतियात में रहते हैं, लेकिन अगर किसी यात्री की सेहत अचानक खराब हो जाए तो क्या होता है? क्या वहां उन्नत चिकित्सा सुविधाएं मिलती हैं या पृथ्वी पर लौटना ही एकमात्र विकल्प बचता है?

स्पेस में इलाज का बंदोबस्त-

ISS में एडवांस मेडिकल किट उपलब्ध होती हैं। इनमें प्राथमिक देखभाल से जुड़ी सभी जरूरी चीजें होती हैं, जैसे-

  • दर्द, बुखार और उल्टी की दवाएं
  • सेडेटिव्स (नींद की दवाएं)
  • ब्लड प्रेशर और शुगर चेक करने की मशीनें
  • वैकल्पिक दवाएं
  • छोटे-मोटे जख्मों को साफ करने की व्यवस्था
  • कुछ खास एंटीबायोटिक्स

कौन करता है इलाज?

ISS पर मौजूद हर क्रू मेंबर को बेसिक मेडिकल ट्रेनिंग दी जाती है, जिसमें CPR देना भी शामिल है, ताकि जरूरत पड़ने पर वे अपने साथी की मदद कर सकें। इसके अलावा, टीम में एक सदस्य ऐसा होता है जिसे स्पेस का मेडिकल ऑफिसर माना जा सकता है। उसे बाकियों से ज्यादा प्रशिक्षण मिला होता है और वह बड़ी आपात स्थिति न होने पर निपट सकता है।

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टेलीमेडिसिन की व्यवस्था

यदि स्थिति ज्यादा गंभीर हो जाए और टीम मेंबर्स घबरा जाएं, तो पृथ्वी से ऑनलाइन सपोर्ट या टेलीमेडिसिन की भी व्यवस्था होती है। धरती पर मौजूद डॉक्टरों की टीम लाइव वीडियो के जरिए उन्हें गाइड करती है कि मरीज को स्थिर करने के लिए सबसे अच्छा क्या किया जा सकता है। इसके अलावा, अंतरिक्ष यात्री बीमार हों या न हों, उन्हें अपनी हेल्थ का रेगुलर अपडेट देना होता है, जिसे धरती पर मॉनिटर किया जाता है।

अगर इनसे भी बात न बने तो क्या?

सबसे पहले तो कोशिश की जाती है कि मरीज को वहीं अंतरिक्ष में ही स्थिर किया जा सके। अंतरिक्ष में सिर्फ शारीरिक और मानसिक रूप से बेहद मजबूत यात्री ही जाते हैं, जो कठोर प्रशिक्षण से और भी सशक्त हो जाते हैं। ऐसे में वे छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याओं से आसानी से निपट पाते हैं।

यदि जीरो ग्रेविटी के कारण या किसी दुर्घटना के चलते यात्री की सेहत बिगड़ जाए और जान का जोखिम दिखे, तो स्पेस मेडिकल टीम तुरंत यह देखती है कि उसे अंतरिक्ष में ठीक किया जा सकता है या नहीं। यदि यह संभव न हो, तो मरीज को पृथ्वी पर वापस लाने के लिए एक कॉन्टिन्जेंसी रिटर्न प्लान (आकस्मिक वापसी योजना) बनाया जा सकता है। यह सुनिश्चित किया जाता है कि हर हाल में अंतरिक्ष यात्री की सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता मिले।

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