Edited By Harman Kaur,Updated: 29 Jul, 2025 02:51 PM

आधार कार्ड धोखाधड़ी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। साइबर अपराधी आधार से जुड़ी जानकारी को आसानी से चुरा कर उसका दुरुपयोग कर रहे हैं। आम लोग कई बार खुद यह नहीं जान पाते कि उनका आधार किन-किन मोबाइल नंबरों, ऐप्स या वेबसाइट्स से लिंक है।...
नेशनल डेस्क: आधार कार्ड धोखाधड़ी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। साइबर अपराधी आधार से जुड़ी जानकारी को आसानी से चुरा कर उसका दुरुपयोग कर रहे हैं। आम लोग कई बार खुद यह नहीं जान पाते कि उनका आधार किन-किन मोबाइल नंबरों, ऐप्स या वेबसाइट्स से लिंक है। ऐसे में, UIDAI बार-बार सलाह देता है कि सुरक्षा के लिए अनावश्यक लिंकिंग से बचें और जरूरत न होने पर आधार को संबंधित ऐप्स या सेवाओं से डीलिंक कर दें।
क्यों आधार डीलिंक करना है जरूरी?
विशेषज्ञों के अनुसार, मोबाइल ऐप्स या वॉलेट्स से आधार लिंक होने पर आपकी पर्सनल जानकारी की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। धोखेबाज इन जानकारियों का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं – जैसे फर्जी KYC, SIM एक्टिवेशन या फाइनेंशियल फ्रॉड। ऐसे में अनजान या अनयूज्ड ऐप्स से आधार को डीलिंक करना बेहद जरूरी हो जाता है।
वर्चुअल ID और मास्क्ड आधार है बेहतर विकल्प
UIDAI ने यूजर्स को सलाह दी है कि किसी भी थर्ड पार्टी को ओरिजिनल आधार न दें। इसकी जगह वर्चुअल ID (VID) या मास्क्ड आधार कार्ड का इस्तेमाल करें। ये दोनों विकल्प आधार की मूल जानकारी छिपाते हैं और पहचान की पुष्टि के लिए पर्याप्त होते हैं – जैसे होटल में चेक-इन या मोबाइल KYC।
SIM से भी हटाएं आधार
अब मोबाइल KYC के लिए आधार जरूरी नहीं है। यदि आपने सिम कार्ड के साथ आधार लिंक किया है, तो नजदीकी मोबाइल सर्विस सेंटर जाकर अपने आधार को रिकॉर्ड से हटवाने के लिए अनुरोध कर सकते हैं। इसकी जगह PAN कार्ड या वोटर ID कार्ड से KYC करा सकते हैं।
कैसे जानें कहां-कहां यूज हुआ आधार?
UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आप ‘आधार ऑथेंटिकेशन हिस्ट्री’ चेक कर सकते हैं। इससे पता चलेगा कि आपके आधार नंबर का इस्तेमाल किस-किस सेवा या ऐप में हुआ है। आप उन ऐप्स को पहचान सकते हैं जो अब आपके लिए जरूरी नहीं हैं और वहां से डीलिंक करने की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं।