अब इन जरूरी कामों के लिए आधार कार्ड नहीं होगा मान्य, जानें कौन सा दस्तावेज होगा जरूरी

Edited By Updated: 02 Dec, 2025 08:26 PM

up government aadhaar birth proof rule change

उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए आधार कार्ड को जन्म प्रमाण या जन्म तिथि के आधिकारिक दस्तावेज के रूप में अस्वीकार कर दिया है। सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि जन्म संबंधी वेरिफिकेशन में आधार को न माना जाए। सरकार के अनुसार आधार की जन्म...

नेशनल डेस्क : उत्तर प्रदेश में रहने वाले लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। आज के समय में आधार कार्ड का उपयोग लगभग हर सरकारी और निजी काम में किया जाता है, लेकिन अब राज्य सरकार ने एक बड़ा आदेश जारी किया है। इसके तहत एक बेहद जरूरी प्रक्रिया में आधार कार्ड को मान्य दस्तावेज नहीं माना जाएगा। इस बदलाव के चलते कई लोगों के जरूरी कार्य प्रभावित हो सकते हैं, इसलिए इसे समझना बेहद आवश्यक है।

आधार से जन्म प्रमाणित नहीं होगा
उत्तर प्रदेश सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अब आधार कार्ड को जन्म प्रमाण पत्र या जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा। सरकार ने कहा कि आधार केवल पहचान पत्र के रूप में उपयोगी है, लेकिन यह किसी भी व्यक्ति की जन्म तिथि का आधिकारिक प्रमाण नहीं है। इसलिए इसे जन्म से संबंधित दस्तावेज के तौर पर स्वीकार करना गलत और भ्रामक हो सकता है।

राज्य के प्लानिंग विभाग ने इस मुद्दे की गहन समीक्षा की और पाया कि आधार कार्ड में दर्ज जन्म तिथि या अन्य व्यक्तिगत जानकारी UIDAI के डेटाबेस में किसी प्रमाणित जन्म रजिस्टर से नहीं आती है। इसलिए आधार को जन्म प्रमाण के रूप में उपयोग करना भविष्य में गलत दस्तावेज़ीकरण की समस्या पैदा कर सकता है।

सभी विभागों को जारी हुए निर्देश
राज्य सरकार ने सभी विभागों को निर्देश दिया है कि जन्म संबंधी वेरिफिकेशन में आधार को तुरंत प्रभाव से अस्वीकार किया जाए। इसका अर्थ है कि अब स्कूल एडमिशन, सरकारी फॉर्म, आयु की पुष्टि वाले दस्तावेज, या किसी भी प्रक्रिया में आधार कार्ड को जन्म तिथि का प्रमाण नहीं माना जाएगा। नागरिकों को इसके लिए जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल रिकॉर्ड या अन्य वैध दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। यह निर्णय खास तौर पर उन लोगों को प्रभावित करेगा जिन्होंने अब तक आयु या जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में केवल आधार का उपयोग किया था।

UIDAI के पत्र के आधार पर आया आदेश
यूपी सरकार ने UIDAI (लखनऊ रीजनल ऑफिस) द्वारा जारी पत्र का उल्लेख करते हुए बताया कि आधार का उद्देश्य केवल पहचान और पते की पुष्टि है, न कि जन्म का आधिकारिक प्रमाण देना। UIDAI के स्पष्टीकरण के बाद ही राज्य सरकार ने यह सख्त निर्णय लागू किया है।

सीमा सुरक्षा और अवैध प्रवासियों पर बढ़ी सख्ती
इस फैसले के पीछे एक और अहम कारण सामने आया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में अवैध प्रवासियों की पहचान और जांच को मजबूत करने की प्रक्रिया तेज कर दी है, विशेष रूप से नेपाल से सटी खुली सीमा वाले जिलों में। हाल ही में सरकार ने अवैध प्रवासियों के लिए अस्थायी डिटेंशन सेंटर बनाने का आदेश भी जारी किया है। दस्तावेजों की सख्त जांच और आधार को जन्म प्रमाण के रूप में मान्यता समाप्त करना उसी प्रक्रिया का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

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