IIT कानपुर ने तैयार किया गायब होने वाला 'कपड़ा'... भारतीय सैनिक और विमानों को दुश्मनों से बचाने की नई तकनीक

Edited By Updated: 28 Nov, 2024 02:39 PM

iit kanpur has prepared a disappearing  cloth  a new technology to protect

आईआईटी कानपुर ने एक स्वदेशी मेटामैटेरियल विकसित किया है, जो सैनिकों, विमानों, और सैन्य गाड़ियों को दुश्मन के राडार, सैटेलाइट, इंफ्रारेड कैमरे, और थर्मल इमेजर से अदृश्य बना सकता है। यह तकनीक भारतीय सेना के लिए बेहद सस्ती और प्रभावी साबित हो सकती है।...

नेशनल डेस्क: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर ने एक ऐसी अद्भुत तकनीक विकसित की है, जिससे सैनिकों, विमानों, और सैन्य गाड़ियों को दुश्मनों के राडार और इमेजिंग सिस्टम से छिपाया जा सकता है। इस तकनीक को मेटामैटेरियल सरफेस क्लोकिंग सिस्टम कहा जाता है, और इसके जरिए भारतीय सेना के सैनिक और फाइटर जेट्स को ‘मि. इंडिया’ जैसा अदृश्य बना दिया जाएगा।

क्या है यह मेटामैटेरियल?
यह एक विशेष प्रकार का कपड़ा है, जो सैनिकों और सैन्य उपकरणों को दुश्मन की राडार, सैटेलाइट, इंफ्रारेड कैमरे, और थर्मल इमेजर से बचाने की क्षमता रखता है। इस तकनीक की मदद से दुश्मन के किसी भी इमेजिंग सिस्टम, जैसे कैमरा या सेंसर, से इसे देखा नहीं जा सकेगा। इसका मतलब यह है कि भारतीय सेना के उपकरण और जवान दुश्मन के निगरानी से बाहर रहेंगे और पूरी तरह से छिपे रहेंगे।


PunjabKesari


सेना के लिए एक बड़ी राहत
यह मेटामैटेरियल भारतीय सैनिकों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। इसे सैनिकों के यूनिफॉर्म, सैन्य गाड़ियों के कवर, और विमानों के कवर में इस्तेमाल किया जा सकता है। इस कपड़े का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह न केवल दुश्मन के राडार से बचाता है, बल्कि यह दुश्मन के थर्मल इमेजर और अन्य इन्फ्रारेड तकनीकों से भी छिपा रहता है।

PunjabKesari

IIT कानपुर के वैज्ञानिकों की सफलता
यह मेटामैटेरियल IIT कानपुर के तीन वैज्ञानिकों – प्रो. कुमार वैभव श्रीवास्तव, प्रो. एस अनंत रामकृष्णन, और प्रो. जे रामकुमार द्वारा विकसित किया गया है। इन तीनों वैज्ञानिकों ने 2010 से इस पर काम शुरू किया था और 2018 में इसके पेटेंट के लिए आवेदन किया था। अब यह तकनीक पूरी तरह से तैयार हो चुकी है और भारतीय सेना के साथ पिछले 6 सालों से इसका परीक्षण चल रहा है।

PunjabKesari

स्वदेशी तकनीक, विदेशों से सस्ती
यह मेटामैटेरियल पूरी तरह से स्वदेशी है और विदेशों से मंगाए जाने वाले समान तकनीकी उपकरणों से 6-7 गुना सस्ता है। IIT कानपुर के निदेशक प्रो. मनिंद्र अग्रवाल ने इस तकनीक का उद्घाटन किया और इसे भारतीय सेना के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया।

भविष्य में सेना को मिल सकता है यह अदृश्य कपड़ा
मेटातत्व कंपनी के एमडी और पूर्व एयर वाइस मार्शल प्रवीण भट्ट ने कहा कि अगर इस तकनीक को जल्द अप्रूवल मिल जाता है, तो भारतीय सेना को यह मेटामैटेरियल अगले एक साल के अंदर मिल सकता है। इसके इस्तेमाल से सेना की सुरक्षा में एक नया अध्याय जुड़ जाएगा और दुश्मन की कई निगरानी तकनीकों को निष्क्रिय किया जा सकेगा। इस अदृश्य कपड़े के जरिए भारतीय सेना के लिए सुरक्षा की एक नई दिशा खुल रही है। इससे न केवल जवानों और सैन्य उपकरणों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि यह भारतीय रक्षा क्षेत्र को और भी मजबूत बनाएगा। 

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!