Edited By vasudha,Updated: 18 Jun, 2021 01:37 PM
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के लगभग 3.5 लाख डॉक्टर अपनी बिरादरी के सदस्यों के खिलाफ हिंसा से निपटने के लिए एक केंद्रीय कानून की मांग को लेकर आज देशव्यापी विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे। आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. जे ए जयालाल ने कहा कि इसके...
नेशनल डेस्क: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के लगभग 3.5 लाख डॉक्टर अपनी बिरादरी के सदस्यों के खिलाफ हिंसा से निपटने के लिए एक केंद्रीय कानून की मांग को लेकर आज देशव्यापी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. जे ए जयालाल ने कहा कि इसके सदस्यों के अलावा, एसोसिएशन ऑफ फिजिशियंस ऑफ इंडिया, द एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया, मेडिकल स्टूडेंट्स नेटवर्क, जूनियर डॉक्टर नेटवर्क जैसे कई संगठन विरोध में हिस्सा ले रहे हैं।
Live Updates
- IMA के सदस्यों ने डॉक्टरों पर हो रहे हमले को लेकर एम्स के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
- उनकी मांग डॉक्टरों को हिंसा से बचाने के लिए केंद्रीय कानून की है।
- IMA के डॉक्टर रंजन शर्मा ने कहा कि सरकार की तरफ से जवाब नहीं आया।अस्पताल को सेफ जोन घोषित करने की मांग 10-12 साल से है।'
- IMA की केरल विंग ने भी डॉक्टरों पर हो रहे हमले को लेकर सचिवालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
- आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में भी डॉक्टरों पर हो रहे हमलों के खिलाफ प्रदर्शन
क्लीनिक बंद रखेंगे डॉक्टर
डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा के विरुद्ध केंद्रीय कानून की मांग पर दबाव बनाने के लिए बिहार और मध्य केरल में डॉक्टर सुबह अपने क्लीनिक बंद कर देंगे। इस तरह की हिंसा को रोकने के लिए आईएमए की प्रत्येक शाखा में एक समन्वय टीम बनाने के लिए जन संवाद की व्यवस्था की गई है। आईएमए ने एक बयान में कहा कि डॉक्टरों और स्वास्थ्य पेशेवरों के खिलाफ बढ़ती हिंसा को देखकर हम बहुत आहत हैं। यह दिन-ब-दिन हो रहा है। आईएमए हिंसा के खिलाफ कानून के लिए दबाव बना रहा है।’’
मजबूत केंद्रीय कानून बनाने की मांग
डॉक्टरों के निकाय ने कहा कि 'स्वास्थ्य सेवा कार्मिक और नैदानिक प्रतिष्ठान (हिंसा और संपत्ति को नुकसान का निषेध) विधेयक, 2019' गृह मंत्रालय ने खारिज कर दिया था जिसमें ऑन-ड्यूटी डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य पेशेवरों पर हमले के लिए 10 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान था। मंत्रालय ने कहा था कि उक्त कानून संभव नहीं था क्योंकि स्वास्थ्य राज्य का विषय है। उन्होंने कहा कि पीसीपीएनडीटी अधिनियम और नैदानिक स्थापना अधिनियम जैसे कई केंद्रीय स्वास्थ्य कानून हैं। वर्तमान में, 21 राज्यों में स्थानीय कानून हैं, लेकिन हमें डॉक्टरों को हिंसा से बचाने के लिए एक मजबूत केंद्रीय कानून की आवश्यकता है।’’
नरेंद्र मोदी, अमित शाह को सौंपा जाएगा ज्ञापन
आईएमए ने कहा कि ज्ञापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित वरिष्ठ मंत्रियों को सौंपा जाएगा। आईएमए की सभी शाखाएं स्थानीय अधिकारियों को ज्ञापन सौंपेंगी। आईएमए के बयान में कहा गया है कि सभी 1,700 शाखाएं विरोध को रेखांकित करने के लिए कार्यक्रम आयोजित कर रही हैं। छात्रों की शाखाएं इस कार्यक्रम में बहुत सक्रिय हैं क्योंकि वे इस बात से सबसे ज्यादा चिंतित हैं कि इस मुद्दे से कैसे निपटा जाए। बयान में कहा गया कि हम मांग करते हैं कि सरकार हर अस्पताल में सुरक्षा सुविधाएं बढ़ाए और अस्पतालों को संरक्षित क्षेत्र घोषित करे।’’
योग गुरु रामदेव पर भी बोला हमला
योग गुरु रामदेव की हालिया विवादास्पद टिप्पणी के मुद्दे पर आईएमए ने कहा कि उनके उन ‘‘दुर्भावनापूर्ण बयानों के लिए देश भर में कई पुलिस शिकायतें दर्ज की गई हैं, जो हमारी राय में देश के नागरिकों के हित के खिलाफ हैं।’’ उसने कहा कि तदनुसार, हमने प्रधानमंत्री से उनके खिलाफ उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया है। हम अपनी संस्कृति और प्राचीन विज्ञान के हिस्से के रूप में आयुर्वेद का सम्मान करते हैं और हम कभी इसकी आलोचना नहीं करते हैं। हमारा काम यह सुनिश्चित करना है कि उनका (मरीजों का) सर्वोत्तम संभव तरीके से इलाज हो। हमें विवादों में कोई दिलचस्पी नहीं है।’’