Edited By Anu Malhotra,Updated: 05 Dec, 2025 09:06 AM

दिल्ली की हवा इन दिनों इतनी खराब हो चुकी है कि लोगों की आंखों में जलन से लेकर सांस लेने में कठिनाई तक आम बात बन गई है। जैसे ही शाम ढलती है, स्मॉग की मोटी परत कई इलाकों को घेर लेती है, और यही बढ़ता संकट अब देश के शीर्ष पद्म सम्मानित डॉक्टरों को भी...
नेशनल डेस्क: दिल्ली की हवा इन दिनों इतनी खराब हो चुकी है कि लोगों की आंखों में जलन से लेकर सांस लेने में कठिनाई तक आम बात बन गई है। जैसे ही शाम ढलती है, स्मॉग की मोटी परत कई इलाकों को घेर लेती है, और यही बढ़ता संकट अब देश के शीर्ष पद्म सम्मानित डॉक्टरों को भी चिंतित कर गया है। बिगड़ते हालात को देखते हुए उन्होंने देशभर के नागरिकों के लिए एक आपात स्वास्थ्य परामर्श जारी किया है।
“देश सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल के बीच” — विशेषज्ञों की स्पष्ट चेतावनी
डॉक्टरों के इस समूह ने साफ कहा है कि दिल्ली-NCR, मुंबई और कई बड़े शहरों में एयर क्वालिटी खतरनाक स्तर तक गिर चुकी है, और यह स्थिति सीधे तौर पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल जैसी है। हवा में घुलते प्रदूषण ने खासतौर पर बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और पहले से दिल व फेफड़ों की बीमारी झेल रहे लोगों के लिए गंभीर खतरे खड़े कर दिए हैं।
अस्थमा अटैक बढ़े, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा दोगुना
80 से अधिक प्रसिद्ध विशेषज्ञों द्वारा हस्ताक्षरित एडवाइजरी में कहा गया है कि जहरीली धुंध से अस्थमा के दौरे बढ़ रहे हैं। दिल की बीमारियों वाले मरीजों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा तेज़ी से ऊंचा हो रहा है। साथ ही यह प्रदूषण डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के नियंत्रण को भी प्रभावित कर रहा है। डॉक्टरों की सबसे गंभीर चेतावनी यह है कि लगातार ऐसी हवा में रहने से बच्चों के फेफड़ों को स्थायी नुकसान हो सकता है।
स्वच्छ हवा कोई विकल्प नहीं—आवश्यकता है
एडवाइजरी में विशेषज्ञों ने कहा कि साफ हवा हर इंसान का मूल अधिकार है, और इसे सुरक्षित रखने के लिए तुरंत सामूहिक कदम उठाए जाने की जरूरत है।
नागरिकों के लिए सुझाए जरूरी उपाय
डॉक्टरों ने लोगों को इस संकट से बचाने के लिए अनेक व्यावहारिक कदम बताए हैं—
घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें
बाहर निकलते समय N95 मास्क जरूर पहनें
प्रदूषण के चरम समय में बाहर वॉक या जॉगिंग से बचें
AQI खराब हो तो दरवाजे-खिड़कियां बंद रखें
जिनके पास प्यूरीफायर नहीं—उनके लिए भी उपाय
विशेषज्ञों ने कम बजट वाले विकल्प सुझाए हैं—
घर की सफाई में गीले कपड़े का उपयोग
रसोई में धुआं जमा न होने दें
खाना बनाते समय उचित वेंटिलेशन रखें
कमरे में धूल कम करने की कोशिश करें
समुदाय और सरकार के लिए भी करवाई की सूची तैयार
डॉक्टरों का कहना है कि केवल व्यक्ति स्तर पर सावधानी काफी नहीं होगी। उन्होंने सामुदायिक और सरकारी स्तर पर भी कदम उठाने को कहा—
कचरा और पत्तियों को खुले में जलाने पर रोक
वाहनों के उत्सर्जन को कम करने के प्रयास
निर्माण स्थल की धूल पर सख्त नियंत्रण।