Edited By Anu Malhotra,Updated: 24 Nov, 2025 08:58 AM

दक्षिणी अंडमान सागर के ऊपर मौसम के मिज़ाज में अचानक बदलाव ने देश के कई तटीय राज्यों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। भारत मौसम विभाग (IMD) ने जानकारी दी है कि इस क्षेत्र में बना कम दबाव का क्षेत्र अब तेजी से सक्रिय हो रहा है और कुछ ही घंटों में गहरे अवदाब...
नेशनल डेस्क: दक्षिणी अंडमान सागर के ऊपर मौसम के मिज़ाज में अचानक बदलाव ने देश के कई तटीय राज्यों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। भारत मौसम विभाग (IMD) ने जानकारी दी है कि इस क्षेत्र में बना कम दबाव का क्षेत्र अब तेजी से सक्रिय हो रहा है और कुछ ही घंटों में गहरे अवदाब में बदल सकता है। 24 नवंबर के आसपास यही प्रणाली बंगाल की खाड़ी में उतरने के बाद और मजबूत होकर चक्रवात का रूप भी ले सकती है।
IMD ने एक्स पर जारी अपने अलर्ट में कहा कि 22 नवंबर को दक्षिण अंडमान सागर में विकसित यह सिस्टम अगले दो दिनों में पूरी ताकत से सक्रिय होगा। इसके असर से 22–25 नवंबर के दौरान तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश के तटीय हिस्सों और अंडमान–निकोबार द्वीपसमूह में बारिश का दौर बेहद तेज होने के आसार हैं। कई जगहों पर बिजली चमकने, गरज के साथ तूफान और भारी वर्षा की स्थितियाँ भी बन सकती हैं।
अंडमान–निकोबार और दक्षिण भारत में कई दिनों तक बरसात का दौर
द्वीपसमूह में 27 नवंबर तक लगातार वर्षा रहने का अनुमान है। 24 और 25 नवंबर को यहां मूसलाधार से अत्यधिक भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है। तमिलनाडु में 25 नवंबर तक बारिश का जोर बना रहेगा। केरल और माहे में 26 नवंबर तक व्यापक बारिश और तेज हवाओं का अलर्ट लागू है। लक्षद्वीप और रायलसीमा क्षेत्र में भी 23 नवंबर के आसपास मौसम बेहद खराब रहने के संकेत मिल रहे हैं।
IMD का कहना है कि अंडमान–निकोबार क्षेत्र में हवा की रफ्तार 40–50 किमी/घंटा तक पहुंच सकती है। केरल, माहे और लक्षद्वीप में भी अगले कई दिनों तक तेज बौछारों और मजबूत हवाओं से हालात चुनौतीपूर्ण रहेंगे। संभावित चक्रवात को देखते हुए सभी प्रभावित राज्यों में सतर्कता बढ़ा दी गई है। मछुआरों और पर्यटकों को समुद्र के किनारे न जाने और जल गतिविधियों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
उत्तर भारत पर भी असर, तापमान में हल्की बढ़त से ठिठुरन में राहत
बंगाल की खाड़ी में सक्रिय इस मौसमी प्रणाली का प्रभाव उत्तर भारत तक महसूस किया जा रहा है। पूर्वी हवाओं और अवदाब की वजह से कई स्थानों पर तापमान में मामूली बढ़ोतरी देखी गई, जिससे कड़ाके की ठंड झेल रहे शहरों को थोड़ी राहत मिली है।
मध्य प्रदेश में शनिवार को तापमानों में बड़ा अंतर देखने को मिला—राजगढ़ सबसे ठंडा रहा जहाँ पारा 8.2 डिग्री सेल्सियस तक गिरा, जबकि नर्मदापुरम और मंडला में दिन का तापमान 30.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। छत्तीसगढ़ में भी पिछले दिनों चली शीतलहर धीरे-धीरे कमजोर हो रही है। बिलासपुर में इस हफ्ते मौसम में उतार–चढ़ाव की स्थिति रहेगी—शुरुआती दिनों में हल्की गर्माहट और सप्ताह के अंत में दुबारा गिरावट की संभावना। हालांकि, रात के तापमान में गिरावट का सिलसिला जारी रह सकता है।