15 अगस्त को नहीं 19 दिसम्बर को मनाया जाता है आजादी का जश्न, जानें क्यों

Edited By Updated: 13 Aug, 2025 07:50 PM

independence was achieved not on 15 august 1947 but on 19 december 1961

हर साल 15 अगस्त को पूरा देश आज़ादी का पर्व बड़े उत्साह के साथ मनाता है। लोग तिरंगा फहराते हैं, देशभक्ति गीत गाते हैं और आज़ादी के नायकों को याद करते हैं। लेकिन गोवा के लिए यह दिन थोड़ा अलग होता है, क्योंकि इस राज्य को 15 अगस्त 1947 को आज़ादी नहीं...

नेशनल डेस्क: हर साल 15 अगस्त को पूरा देश आज़ादी का पर्व बड़े उत्साह के साथ मनाता है। लोग तिरंगा फहराते हैं, देशभक्ति गीत गाते हैं और आज़ादी के नायकों को याद करते हैं। लेकिन गोवा के लिए यह दिन थोड़ा अलग होता है, क्योंकि इस राज्य को 15 अगस्त 1947 को आज़ादी नहीं मिली थी। इसके पीछे एक ऐतिहासिक वजह है, जो गोवा के विशेष राजनीतिक इतिहास से जुड़ी हुई है।

पुर्तगाल के अधीन था गोवा

जब देश के बाकी हिस्सों को 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से आज़ादी मिली, तब भी गोवा पर पुर्तगाल का कब्जा बना रहा। दरअसल, गोवा 1510 से ही पुर्तगाली उपनिवेश था। अंग्रेजों के भारत में आने से भी करीब 100 साल पहले ही पुर्तगालियों ने गोवा पर राज करना शुरू कर दिया था।

आज़ादी के बाद भी पुर्तगाल ने गोवा को भारत को सौंपने से इनकार कर दिया। इससे गोवा के लोगों में नाराजगी बढ़ती गई और धीरे-धीरे गोवा मुक्ति आंदोलन की शुरुआत हुई।

क्यों 14 साल बाद मिला गोवा को आज़ादी?

1947 से 1961 तक यानी पूरे 14 साल तक गोवा पुर्तगाली शासन के अधीन रहा। भारत सरकार ने कई बार पुर्तगाल से बातचीत कर गोवा को आज़ाद कराने की कोशिश की, लेकिन हर प्रयास असफल रहा।

जब बातचीत से हल नहीं निकला, तो भारत ने सशस्त्र कार्रवाई का रास्ता चुना। 18 दिसंबर 1961 को भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने मिलकर "ऑपरेशन विजय" शुरू किया। इस ऑपरेशन में केवल 36 घंटे लगे और पुर्तगाली हुकूमत का अंत हो गया।

गोवा मुक्ति का दिन – 19 दिसंबर

18 दिसंबर की शाम को गोवा के पुर्तगाली गवर्नर जनरल मैनुअल एंटोनियो वासालो-ए-सिल्वा ने आत्मसमर्पण किया। 19 दिसंबर 1961 को सुबह भारतीय सेना ने गोवा पर तिरंगा फहराया और गोवा भारत का हिस्सा बन गया। इस दिन को आज "गोवा मुक्ति दिवस" के रूप में मनाया जाता है।

ऑपरेशन विजय में शहीद हुए वीरों को श्रद्धांजलि

"ऑपरेशन विजय" के दौरान भारतीय नौसेना के सात जवान और कई अन्य वीर सैनिक शहीद हुए। इनकी याद में गोवा में युद्ध स्मारक भी बनाया गया है। भारतीय नौसेना की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, आईएनएस गोमंतक में इन शहीदों की स्मृति में युद्ध स्मारक स्थापित है, जहां हर साल श्रद्धांजलि दी जाती है।

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